माँ की महिमा जग में अपरम्पार है भजन

माँ की महिमा जग में अपरम्पार है भजन

 (मुखड़ा)
शेरावाली का सजा दरबार है,
माँ की महिमा जग में अपरंपार है,
अपरंपार है, अपरंपार है,
शेरावाली का सजा दरबार है,
माँ की महिमा जग में अपरंपार है।।

(अंतरा)
जगजननी तू है दुखहरणी,
माँ, तू ही है मंगलकरणी,
तेरे चरणों में, सारा संसार है,
माँ की महिमा जग में अपरंपार है,
शेरावाली का सजा दरबार है,
माँ की महिमा जग में अपरंपार है।।

जगदंबा तू भोली-भाली,
तेरी महिमा जग से निराली,
मेहरवाली, करुणा की भंडार है,
माँ की महिमा जग में अपरंपार है,
शेरावाली का सजा दरबार है,
माँ की महिमा जग में अपरंपार है।।

जोतावाली तू माँ काली,
करती सबकी तू रखवाली,
तुमसे ही माँ, सृष्टि का आधार है,
माँ की महिमा जग में अपरंपार है,
शेरावाली का सजा दरबार है,
माँ की महिमा जग में अपरंपार है।।

तेरे दर्शन को मैं हूँ प्यासा,
तुझसे ही माँ, मुझको आशा,
दर्शन दोगी, तेरा ये इकरार है,
माँ की महिमा जग में अपरंपार है,
शेरावाली का सजा दरबार है,
माँ की महिमा जग में अपरंपार है।।

(पुनरावृत्ति)
शेरावाली का सजा दरबार है,
माँ की महिमा जग में अपरंपार है,
अपरंपार है, अपरंपार है,
शेरावाली का सजा दरबार है,
माँ की महिमा जग में अपरंपार है।।


माँ की महिमा जग में अपरम्पार है... Letest Devi Geet By Dhiraj Kant . माँ जगजननी हैं, दुख हरने वाली हैं और भक्तों की रक्षा करने वाली हैं। माँ के चरणों में पूरा संसार समाया है और उनकी कृपा से हर संकट दूर होता है। माँ जोतावाली, माँ काली, माँ करुणामयी सब रूपों में भक्तों का कल्याण करती हैं। भक्त माँ के दर्शन की प्रार्थना करता है और माँ की महिमा को अपरंपार बताता है।
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