हमें निज धर्म पर चलना बताती रोज रामायण

हमें निज धर्म पर चलना बताती रोज रामायण भजन

 
हमें निज धर्म पर चलना बताती रोज रामायण भजन लिरिक्स Hame Nij Dharam Par Chalana Batati Roj Ramayan Bhajan Lyrics

हमें निज धर्म पर चलना बताती रोज रामायण।
सदा शुभ आचरण करना सिखाती रोज रामायण॥
जिन्हें संसार सागर से उतर कर पार जाना है।
उन्हें सुख से किनारे पर लगाती रोज रामायण॥
कहीं छवि विष्णु की बाकी, कहीं शंकर की है झाँकी।
हृदय आनंद झूले पर झुलाती रोज रामायण॥
सरल कविता कि कुंजों में बना मंदिर है हिंदी का।
जहाँ प्रभु प्रेम का दर्शन कराती रोज रामायण॥
कभी वेदों के सागर में कभी गीता कि गंगा में।
सभी रस ‘बिन्दु’ में मन को दुबाती रोज रामायण॥



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