नरहरि चंचल है मति मेरी भजन
नरहरि चंचल है मति मेरी, कैसे भगती करूँ मैं तेरी,
नरहरि चंचल है मति मेरी, कैसे भगती करूँ मैं तेरी,
कैसे भगती करूँ मैं तेरी,
तू मोहिं देखै, हौं तोहिं देखूं, प्रीति परस्पर होई,
तू मोहिं देखै, तोहिं न देखूं, यह मति सब बुधि खोई,
सब घट अंतर रमसि निरंतर, मैं देखन नहीं जाना,
गुन सब तोर, मोर सब औगुन, कृत उपकार न माना,
मैं तैं तोरी, मोरि असमझि सों, कैसे करी निस्तार,
कही 'रैदास' कृष्ण करुनामय, जय जय जगत-आधार,
नरहरि चंचल है मति मेरी भजन
Nar Hari Chanchal Hai Mati Meri
Kaise Bhagti Karun Main Teri
Tu Mohi Dekhe, Haun Tohi Dekhun, Preeti Paraspar Hoyi
Tu Mohi Dekhe, Tohi Na Dekhun, Yah Mati Sab Budhi Khoi
Sab Ghat Antar Ramasi Nirantar Main Dekhan Nahin Jaana
Gun Sab Tor, Mor Sab Avgun, Krut Upkar Na Maana
Main Tai Tori, Mori Asamjhi Son, Saise Kari Nistaar
Kahi 'Raidas' Krishna Karunamay, Jai Jai Jagat Aadhar
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