सुन साँवरे तेरे ही भरोसे मेरी नाव रे भजन
सुन साँवरे तेरे ही भरोसे मेरी नाव रे,
थक से गए है अब तो श्याम मेरे पाँव रे,
सुन साँवरे तेरे ही भरोसे मेरी नाव रे,
भटक गया हूँ श्याम सुझे ना किनारा,
तुझको पुकारे एक किस्मत का मारा,
मुझपे करो हे दानी करुणा की छाँव रे,
सुन साँवरे तेरे ही भरोसे मेरी नाव रे,
कैसे सम्भालूँ नैयाँ हिचकोले खाए,
कांपे है हाथ मेरे पैर लड़खड़ाए,
नदियां का देख कितना तेज है बहाव रे,
सुन साँवरे तेरे ही भरोसे मेरी नाँव रे,
दिन के दयाल आजा मुझको संभाल रे,
बीच भंवर से मेरी कश्ती निकाल रे,
हर्’ नहीं तो ताने देगा सारा गाँव रे,
सुन साँवरे तेरे ही भरोसे मेरी नाव रे,
सुन सांवरे तेरे ही भरोसे मेरी नाव रे,
थक से गए हैं अब तो श्याम मेरे पाँव रे,
सुन साँवरे तेरे ही भरोसे मेरी नाव रे, आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं