ऐसा वरदान दो साईं बाबा भजन
सुन बाबा, सुन बाबा मेरी सुन ले साईं,
ऐसा वरदान दो साईं बाबा,
बन के इंसान आ जाए जीना,
प्रेम अमृत पिए और पिलाएं,
बैर का विष पियें हम कभी ना,
ऐसा वरदान दो साईं बाबा,
बन के इंसान आ जाए जीना,
बन के इंसान आ जाए जीना,
तू ही हिन्दू है मुस्लिम भी तू है,
तू ही सिख और है ईसाई,
सर हकीकत के आगे झुका है,
दरस दो मेरे दिल में गुसाईं,
दिल ये इंसान का कोई ना तोड़े,
दिल ये काशी है, है दिल है मदीना,
ऐसा वरदान दो साईं बाबा,
बन के इंसान आ जाए जीना,
बन के इंसान आ जाए जीना,
झूठी माया की झूठी चमक में,
भूल कर आज मैं खो गया हूँ,
ये कदम डगमाते हैं मेरे,
तेरे दरबार में रो रहा हूँ,
बन के पतवार, ले चल किनारें,
तू ही है ज़िंदगी का सबीना,
ऐसा वरदान दो साईं बाबा,
बन के इंसान आ जाए जीना,
बन के इंसान आ जाए जीना,
दूर अपनों से मैं हो गया हूँ,
मुझको ऐसा जमाने ने घेरा,
रूह है बेचैन और दिल परेशान,
आज तेरे बिना कौन मेरा,
ढूँढता फिर रहा साईं बाबा,
छुप गया सच का वो नगीना,
ऐसा वरदान दो साईं बाबा,
बन के इंसान आ जाए जीना,
बन के इंसान आ जाए जीना,
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