झुंझुनू की सेठाणी म्हानै याद करै

झुंझुनू की सेठाणी म्हानै याद करै

 झुंझुणु की सेठाणी,
म्हानै याद करै,
मेहंदी, नथली,
चूड़ो, चुनड़ी,
आंख्या आगै फिरै,
झुंझुणु की सेठाणी,
म्हानै याद करै।।

हिचकी आवे, आंख फरुकै,
कान में गूंजे शोर,
दौड़यो, भाग्यो, आज्या रे बेटा,
तू झुंझुणु की ओर,
मावड़ी है खड़ी,
तो तू क्यां नै डरै,
झुंझुणु की सेठाणी,
म्हानै याद करै।।

नेम-धरम, जप-तप ना जाणूं,
ना कोई ज्ञान की बात,
फेर भी तू मनै दर पे बुलावै,
कितणी बड़ी है बात,
रिश्तो यो आपणो,
माँ निभायां सरै,
झुंझुणु की सेठाणी,
म्हानै याद करै।।

'अम्बरीष' की और भगतां की,
गळत्यां दीजै बिसराय,
यूं ही मान बढ़ाती रहिजै,
अपणे दर पे बुलाय,
तू ही तो म्हारो घर,
खुशियां से भरै,
झुंझुणु की सेठाणी,
म्हानै याद करै।।

झुंझुणु की सेठाणी,
म्हानै याद करै,
मेहंदी, नथली,
चूड़ो, चुनड़ी,
आंख्या आगै फिरै,
झुंझुणु की सेठाणी,
म्हानै याद करै।।

Jhunjhunu ki Sethani RaniSatiBhajan KhemiSatiBhajan #DadiIiBhajan AmbrishKumarMumbai 
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