रुतबा देखों श्याम धणी सरकार का भजन
रुतबा देखों श्याम धणी सरकार का,
लीले (नीले ) घोड़े वाले लख दातार का,
मकराने की कोठी में ये राज करें,
पहरेदार हनुमंत इनके द्वार का,
रुतबा देखों श्याम धणी सरकार का,
लीले घोड़े वाले लख दातार का,
रुतबा देखों श्याम धणी सरकार का,
लीले घोड़े वाले लख दातार का,
फूलों में ये बैठा छुपकर भँवरे के जैसा,
खुद ही बोलो देखा है, कोई श्याम के जैसा,
अरजी ये सबकी सुनता है, देव दयालु है,
हारे का साथी कहलाये, बड़ा कृपालु है,
गूंजे डंका इसकी जय जयकार का,
गूंजे डंका इसकी जय जयकार का,
लीले घोड़े वाले लख दातार का,
रुतबा देखों श्याम धणी सरकार का,
लीले घोड़े वाले लख दातार का,
जो भी दर्शन पा लेता है, आकर मेले मैं,
जीवन भर वो पड़े नहीं फिर किसी झमेले में,
दिल से दिल की बात, जो भी आकर करता है,
हर पल खाटू वाला उसकी, साथ रहता है,
करो शुक्रिया बाबा के उपकार का,
करो शुक्रिया बाबा के उपकार का,
लीले घोड़े वाले लख दातार का,
रुतबा देखों श्याम धणी सरकार का,
लीले घोड़े वाले लख दातार का,
आलू सिंह जी कहते हैं दरबार सच्चा है,
बांजन के भी गोद में मुस्काता बच्चा है,
नियत भली हो जिसकी, उसकी पल में सुन लेता,
बिन माँगे ही बाबा उसको, सबकुछ दे देता,
सबर नहीं फिर मुन्ना (लेखक-मुन्ना शर्मा) इन्तजार का,
सबर नहीं फिर मुन्ना इन्तजार का,
लीले घोड़े वाले लख दातार का,
रुतबा देखों श्याम धणी सरकार का,
लीले घोड़े वाले लख दातार का,
रुतबा देखों श्याम धणी सरकार का,
लीले (नीले ) घोड़े वाले लख दातार का,
मकराने की कोठी में ये राज करें,
पहरेदार हनुमंत इनके द्वार का,
रुतबा देखों श्याम धणी सरकार का,
लीले घोड़े वाले लख दातार का,
रुतबा देखों श्याम धणी सरकार का,
लीले घोड़े वाले लख दातार का,
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