धरती क्यों विपरीत हुई लिरिक्स Dharati Kyo Vipreet Hui Lyrics

धरती क्यों विपरीत हुई लिरिक्स Dharati Kyo Vipreet Hui Lyrics Hindi

 
धरती क्यों विपरीत हुई लिरिक्स Dharati Kyo Vipreet Hui Lyrics

धरती क्यों विपरीत हुई और,
 क्यों विरुद्ध आकाश हुआ,
अभी अभी था राजतिलक,
और अभी अभी बनवास हुआ,
एक और थे वचन पिता के,
वचन विजयी माता की चाल,
एक और था अवधपुरी का,
वैभव शाली राज्य विशाल,
राम तुम्हारें अमर त्याग को,
भूल नहीं सकता इतिहास,
महलों का मधुवास छोड़कर,
अपनाया बन का बनवास,

रुक जाओ मोरे राम,
प्यासी अँखियाँ तुम्हे पुकारे,
प्यासी अखियाँ तुम्हे पुकारे,
रुक जाओ वनबासी राम,
एक पल भर झलक देख ले,
पलकें कर ले तुम्हे प्रणाम,
रुक जाओ,
रुक जाओ बनबासी राम,
रुक जाओ मोरे राम,

जीवन के श्रृंगार सजाये,
हमने घर घर दीप जलाये,
किसने किया प्रहार के,
मंगल माला के मोती बिखराए,
आशा के मंगल गीतों पर,
आशा के मंगल गीतों पर,
चले लगाकर पूर्ण विराम,
रुक जाओ,
रुक जाओ बनबासी राम,
रुक जाओ मोरे राम,

तुम रघुकुल की शान ले चले,
हम सब की मुस्कान ले चले,
अवध पुरी से विदा हुए क्या,
अवधपुरी के प्राण ले चले,
आशा में क्या चुपी निराशा,
सुख है क्या दुःख का उपनाम,
रुक जाओ
रुक जाओ बनबासी राम
रुक जाओ मोरे राम,
 


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धरती क्यों विपरीत हुई | Ram Ji Ka Vanvas | Sampoorna Ramayan Movie Song | Jai Shri Ram Producer : Homi Wadia
Director : Babubhai Mistry
Synopsis : This is the story of Lord Ram and his years spent in exile with his wife and brother and also chronicles the end of the demon King Ravan and his family.

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