हरी हरी बोल क्या लागे तेरा मोल भजन
हरी हरी बोल हरी हरी बोल क्या लागे तेरा मोल
ओ बन्दे हरी हरी बोल
तेरे प्रेम में ओ गिरधारी हुई बावरी मीरा प्यारी
चली संतन की और ओ बन्दे हरी हरी बोल
द्रोपती की जब साड़ी उतारी
दुष्ट दुशासन करे उघारी
चीर बढ़ाया अनमोल ओ बन्दे हरी हरी बोल
नरसी की तेने विपदा टारी
नानी को भातो भरो गिरधारी
भात भरो अनमोल ओ बन्दे हरी हरी बोल
आयो प्रह्लाद पे संकट भारी
नरसिंघ रूप लियो अवतारी
गर्जन हुए चहुँ और ओ बन्दे हरी हरी बोल
राजा हरिश्चंद्र थे बड़े दानी
जाकर बिक गए तीनो प्राणी
घडो उठाया हरी बोल ओ बन्दे हरी हरी बोल
विनती कर रही कर्मा प्यारी
खीचड़ खाले ओ गिरधारी
आके लगाया हरी भोज ओ बन्दे हरी हरी बोल
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कृष्ण भजन : क्या लागे तेरा मोल ओ बन्दे हरी हरी बोल Hindi bhajan songs
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