(मुखड़ा) मेरी मैया, तुम्हें अर्पण, भला हम क्या करें, तुम्हीं से है मेरी दुनिया, भला दम क्या भरें, मेरी मैया, तुम्हें अर्पण, भला हम क्या करें।।
(अंतरा) न्योछावर कर दूँ ये दौलत, मगर वो भी तुम्हारी है, लुटा दूँ जान अपनी भी, मगर वो भी तुम्हारी है, ज़माने में जिधर देखूँ, उधर तू ही नज़र आए, तुम्हीं बतलाओ, ऐ दाती, कि अब हम क्या करें, तुम्हीं से है मेरी दुनिया, भला दम क्या भरें, मेरी मैया, तुम्हें अर्पण, भला हम क्या करें।।
चढ़ाऊँ फूल तुमको तो, ये गुलशन भी तुम्हारा है, खिलाऊँ मेवा-मिश्री तो, सकल जग ही तुम्हारा है, ज़मीं, आकाश, सितारे, सभी में वास तुम्हारा है, समझ कुछ भी नहीं आता, कि अब क्या करें, तुम्हीं से है मेरी दुनिया, भला दम क्या भरें, मेरी मैया, तुम्हें अर्पण, भला हम क्या करें।।
करूँ मैं सेवा चरणों की, यही उम्मीद लाया हूँ, बुझा दो प्यास नैनों की, तेरे दरबार आया हूँ, भरो झोली मेरी भी, माँ, यही फरियाद लाया हूँ, विजय-शिव की क्षमा कर दो खता, और क्या कहें, तुम्हीं से है मेरी दुनिया, भला दम क्या भरें, मेरी मैया, तुम्हें अर्पण, भला हम क्या करें।।
(पुनरावृत्ति) मेरी मैया, तुम्हें अर्पण, भला हम क्या करें, तुम्हीं से है मेरी दुनिया, भला दम क्या भरें, मेरी मैया, तुम्हें अर्पण, भला हम क्या करें।।
Meri Maiya Tume Arpan | मेरी मैया तुम्हें अर्पण | Vijay Soni | सूपरहिट हिंदी देवी भजन | V S Music |