घनश्याम आया री लिरिक्स-एमएस सुब्बालक्ष्मी
घनश्याम आया री, मेरे घर श्याम आया रे,
घनश्याम आया री, मेरे घर श्याम आया रे,
आधार पर है प्राण उसके, हाथ में मुरली
आधार पर है प्राण उसकें, हाथ में मुरली
पुष्प वेणी गूंज रही, उपहार लाया है,
पुष्प वेणी गूंज रही, उपहार लाया है,
घनश्याम आया री, हमारे घर श्याम आया रे,
घनश्याम आया री, हमारे घर श्याम आया रे,
आज घूँघट में छिपी हूँ, मिलन बेला में,
आज घूँघट में छिपी हूँ, मिलन बेला में,
में आगे कैसे करूँ मल्हार लाया री
घनश्याम आया री, मेरे घर श्याम आया रे,
हृदयों में प्रीत भर के, वो ठुमकता आया
हृदयों में प्रीत भर के, वो ठुमकता आया
नैन छुपके मुड़ कर, मुझको रिझाय री
नैन छुपके मुर कर, मुझको रिझाय री
घनश्याम आया री मेरे घर, श्याम आया रे,
रास रचने को मुझे, रास रचने को मुझे
तैयार करता है, नहीं भरता है
वरमाला लाया री, मेरे घर श्याम आया रे,
घनश्याम आया री, हमारे घर श्याम आया रे,
रास रचने को मुझे, तैयार करता जी
पिया रास रचने को मुझे, तैयार करता जी
निरखता मुझको निरादर, नयन भरता है
घनश्याम आया री, मेरे घर श्याम आया रे,
घनश्याम आया री, हमारे घर श्याम आया रे,
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