किसने किया श्रृंगार मावड़ी भजन

किसने किया श्रृंगार मावड़ी राणीसती दादी भजन

( मुखड़ा)
किसने किया श्रृंगार मावड़ी,
प्यारा लगे ये दरबार मावड़ी,
किसने किया श्रृंगार मावड़ी।।

( अंतरा 1)
तारों वाली लाल चुनड़ माँ,
किसने तुझे ओढ़ाई,
लाल सुरंगी मेहंदी दादी,
किसने हाथ रचाई,
बनड़ी सी लागे तू आज मावड़ी,
किसने किया श्रृंगार मावड़ी,
प्यारा लगे ये दरबार मावड़ी,
किसने किया श्रृंगार मावड़ी।।

( अंतरा 2)
बागों से चुन चुन के कलियाँ,
सुंदर हार बनाया,
रहे सलामत हाथ सदा वो,
जिसने तुझे सजाया,
करता रहूँ मैं दीदार मावड़ी,
किसने किया श्रृंगार मावड़ी,
प्यारा लगे ये दरबार मावड़ी,
किसने किया श्रृंगार मावड़ी।।

( अंतरा 3)
देख तेरा श्रृंगार ओ मैया,
मुझको डर ये लागे,
प्यारी प्यारी दादी को,
कहीं आज नज़र न लागे,
तेरी नज़र लूँ उतार मावड़ी,
किसने किया श्रृंगार मावड़ी,
प्यारा लगे ये दरबार मावड़ी,
किसने किया श्रृंगार मावड़ी।।

( पुनरावृत्ति – मुखड़ा)
किसने किया श्रृंगार मावड़ी,
प्यारा लगे ये दरबार मावड़ी,
किसने किया श्रृंगार मावड़ी।।
 


श्रृंगार का ऐसा भजन दिल करे सुनते ही जाएं || Rani Sati Dadi Shringar Bhajan || Saurabh Madhukar
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