मैं रोटी ले के गई थी गजब बहूँ बण के
मैं रोटी गई थी गजब बहूँ बण के,
तू रोटी खा ले छैल आई सूं जळ भून के,
उन्ने चांटे मारे चार, मेरी कड़ में कस कस के,
मैं उल्टी घर में आगी, करड़ा सा मन करके,
मैं सोगी चूंदड़ ताण दरवाजा बंद करके,
वो आया आधी रात गेहुँआ के टीले भर के,
गौरी जल्दी साँकळ खोल के सोगी बैरण बण के,
तन्ने भूंडी द्यूंगा गाळ रोवेगी मोंधी पड़ के,
तू भूंडी दे ले गाळ देऊँगी हलवा करके,
मेरा आ रहा बड़का बीर, पीहर जांगी तड़के,
तेरा उड़े ल्यूंगी बयान, भाइयाँ में खड़ा करके,
तेरे पट्ठे ल्यूंगी पाड़ सखियाँ में रळ मिल के,
तेरी खाली आवे कार, रोवेगा भाड़ा भर के,
मेरे छौरे मारे तीर, गाल्या में खड़ा करके,
तन्ने सुना पावेगा महल, रोवेगा कूणा बड़ के,
तेरी खाली पावै सेज, रोवेगा मौधा पड़ के,
तेरे फेर आवेगी याद मारी थी कस कस के,
मैं रोटी गई थी गजब बहूँ बण के,
मैं रोटी गई थी गजब बहूँ बण के,
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मै रोटी ले कै गई थी गजब बहु बण कै - हरियाणवी Folk गीत || Main Roti Le Ke Gayi Thi (Folk Song Video)
Song - Main Roti Le Ke Gayi Thi
Singer - Meenakshi Mukesh
Lyrics & Composer - Traditional
Music - Rinku Gujral
Editing - KV Sain
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Author - Saroj Jangir
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