मानव अपने सपने संजोएं विधिना अपनी चाल लिरिक्स Manav Apne Sapane Sanjoye Lyrics

मानव अपने सपने संजोएं विधिना अपनी चाल लिरिक्स Manav Apne Sapane Sanjoye Lyrics

 
मानव अपने सपने संजोएं विधिना अपनी चाल लिरिक्स Manav Apne Sapane Sanjoye Lyrics

पल में सब कुछ हुआ रे पराया,
ममता हाथ मले,
मानव अपने सपने संजोएं,
विधिना अपनी चाल चले,
हृदयों के फूलों को,
निर्मम रखे पाँव तले,
मानव अपने सपने संजोएं,
विधिना अपनी चाल चले,

भेज के अपने काल दोनों का,
कंस प्रतीक्षा में नहीं सोता,
कह गए संत फ़कीर करम गति,
टारे नहीं टरे,
मानव अपने सपने संजोएं,
विधिना अपनी चाल चले,

लाल को संकट बीच बुला के,
देवकी रोये अब पछता के,
सोच रही है मात यसोदा,
क्यों सींचा ये नेह का पौधा,
एक आशंका से काँपे,
एक मैया बिरह जने,
मानव अपने सपने संजोएं,
विधिना अपनी चाल चले,
मानव अपने सपने संजोएं,
विधिना अपनी चाल चले,


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मानव अपने सपन संजोए विधना अपनी चाल चले | Manav Apne Sapan Sanjaoye Vidhna Apni Chal Chale 
भक्त को भगवान से और जिज्ञासु को ज्ञान से जोड़ने वाला एक अनोखा अनुभव। तिलक प्रस्तुत करते हैं दिव्य भूमि भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थानों के अलौकिक दर्शन। दिव्य स्थलों की तीर्थ यात्रा और संपूर्ण भागवत दर्शन का आनंद। जब नंदराय और यशोदा को ये पता चलता है की श्री कृष्ण उनका पुत्र नहीं बल्कि देवकी और वासुदेव का पुत्र है तो नंदराय और यशोदा को रात भर नींद नहीं आती और श्री कृष्ण के मथुरा जाने के दुःख से वो दोनो दुःखी होते हैं।
"स्वर- रवींद्र जैन
गीत- रवींद्र जैन
संगीत- रवींद्र जैन" 

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