पांडवा कळजुग आसी भारी थानें कह गया कृष्ण मुरारी लिरिक्स Pandava Thane Kah Gaya Krishan Lyrics
वो पांडवा कळजुग आसी भारी,
थानें कह गया कृष्ण मुरारी,
वो पांडवा कळजुग आसी भारी,
बुद्धिहीन करम रा काचां,
बुद्धिहीन करम रा काचां,
कुळ मे गिण कवारी,
घोरम घोर कलजुग आसी,
ओ घोरमघोर कळजुग आसी,
होसी सब एकसारी ओ,
वो पांडवा कळजुग आसी भारी,
थानें कह गया कृष्ण मुरारी,
वो पांडवा कळजुग आसी भारी,
खट कृषक खेती कर खावें,
खट कृषक खेती कर खावे,
भूख मरेला भिखारी,
साध सती कोई बिरला होसी,
सब होसी घरबारी,
वो पांडवा कळजुग आसी भारी,
थानें कह गया कृष्ण मुरारी,
वो पांडवा कळजुग आसी भारी,
कळजुग पाप कपट रो पहरों,
कळजुगपाप कपट रो पहरो,
नेम (नियम ) छोड़ें नर नारी,
वरण शंकर ज्यानें पुत्र जनमसी,
होसी वक्त रो खोगारी,
वो पांडवा कळजुग आसी भारी,
थानें कह गया कृष्ण मुरारी,
वो पांडवा कळजुग आसी भारी,
काना सूं सुणीयो ना, आँखा सूं दिखे,
काना सूं सुणीयो ना, आँखा सूं दिखे,
ओ कळजुग है भारी,
पाँच पांडवा छठी द्रोपदी,
पाँच पांडवा छठी द्रोपदी,
जाय हिमालय बाली ओ,
वो पांडवा कळजुग आसी भारी,
थानें कह गया कृष्ण मुरारी,
वो पांडवा कळजुग आसी भारी,
वेद पुराण अलोप (विलोप) हो जासी,
वेद पुराण अलोप हो जासी,
नीची वरण उच्चारी,
गंगा शिव रे मुकुट मे रहसी,
गंगा शिव रे मुकुट मे रहसी,
जयकांत करे रे पुकारी,
वो पांडवा कळजुग आसी भारी,
थानें कह गया कृष्ण मुरारी,
वो पांडवा कळजुग आसी भारी,
थानें कह गया कृष्ण मुरारी,
वो पांडवा कळजुग आसी भारी,
बुद्धिहीन करम रा काचां,
बुद्धिहीन करम रा काचां,
कुळ मे गिण कवारी,
घोरम घोर कलजुग आसी,
ओ घोरमघोर कळजुग आसी,
होसी सब एकसारी ओ,
वो पांडवा कळजुग आसी भारी,
थानें कह गया कृष्ण मुरारी,
वो पांडवा कळजुग आसी भारी,
खट कृषक खेती कर खावें,
खट कृषक खेती कर खावे,
भूख मरेला भिखारी,
साध सती कोई बिरला होसी,
सब होसी घरबारी,
वो पांडवा कळजुग आसी भारी,
थानें कह गया कृष्ण मुरारी,
वो पांडवा कळजुग आसी भारी,
कळजुग पाप कपट रो पहरों,
कळजुगपाप कपट रो पहरो,
नेम (नियम ) छोड़ें नर नारी,
वरण शंकर ज्यानें पुत्र जनमसी,
होसी वक्त रो खोगारी,
वो पांडवा कळजुग आसी भारी,
थानें कह गया कृष्ण मुरारी,
वो पांडवा कळजुग आसी भारी,
काना सूं सुणीयो ना, आँखा सूं दिखे,
काना सूं सुणीयो ना, आँखा सूं दिखे,
ओ कळजुग है भारी,
पाँच पांडवा छठी द्रोपदी,
पाँच पांडवा छठी द्रोपदी,
जाय हिमालय बाली ओ,
वो पांडवा कळजुग आसी भारी,
थानें कह गया कृष्ण मुरारी,
वो पांडवा कळजुग आसी भारी,
वेद पुराण अलोप (विलोप) हो जासी,
वेद पुराण अलोप हो जासी,
नीची वरण उच्चारी,
गंगा शिव रे मुकुट मे रहसी,
गंगा शिव रे मुकुट मे रहसी,
जयकांत करे रे पुकारी,
वो पांडवा कळजुग आसी भारी,
थानें कह गया कृष्ण मुरारी,
वो पांडवा कळजुग आसी भारी,
ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
ऐसे ही अन्य मधुर भजन देखें
पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।