पांडवा कलयुग आसी भारी लिरिक्स Pandavaa Kalyug Aasi Bhari Lyrics-Sunita Swami

पांडवा कलयुग आसी भारी लिरिक्स Pandavaa Kalyug Aasi Bhari Lyrics-Sunita Swami


Latest Bhajan Lyrics

कलियुग खूब री, एक एक रोवे री,
भाव भक्ति जाणे नहीं, आँख्या काडये कैरी,
कह गया कृष्ण मुरारी,
ओ पांडवा, कलयुग आसी भारी,
कह गया कृष्ण मुरारी,
ओ पांडवा, कलयुग आसी भारी,
हाँ. ......... }

ई (इस) कलियुग कठिन पाप रो फेरो,
नेम (नियम ) कलियुग छोडेला नर नारी,
वर्णशंकर ज्यारे पुत्र जन्मसि,
होसी वैसी खोगारी,
ओ पांडवा, कलयुग आसी भारी,
हाँ. ......... }
कह गया कृष्ण मुरारी,
ओ पांडवा, कलयुग आसी भारी,
कह गया कृष्ण मुरारी,
ओ पांडवा, कलयुग आसी भारी,
हाँ. ......... }

बुद्धिहीन अकल रा ओछा,
कनक गीनें ना कवारी,
घोरम घोर जब कलियुग आसी,
होसी कोकारी,
ओ पांडवा, कलयुग आसी भारी,
हाँ. ......... }
कह गया कृष्ण मुरारी,
ओ पांडवा, कलयुग आसी भारी,
कह गया कृष्ण मुरारी,
ओ पांडवा, कलयुग आसी भारी,
हाँ. ......... }

देह का नैना, अकल रा ओछा
चारों वरण मसारी,
बायोड़ा वार अन्न नहीं निपजे,
काम कर कर हारी,
ओ पांडवा, कलयुग आसी भारी,
कह गया कृष्ण मुरारी,
ओ पांडवा, कलयुग आसी भारी,
कह गया कृष्ण मुरारी,
ओ पांडवा, कलयुग आसी भारी,

साध ब्राह्मण खेती करेला,
भूप होवेला भिखारी,
सती जती कोई बिरला होवेला,
होसी सब घरबारी,
ओ पांडवा, कलयुग आसी भारी,
कह गया कृष्ण मुरारी,
ओ पांडवा, कलयुग आसी भारी,
कह गया कृष्ण मुरारी,
ओ पांडवा, कलयुग आसी भारी,

काना (कानों से) नहीं सुनियो,
नजरा नहीं देख्यो,
पांडवा भली रे बिचारि,
पांचू बिरह द्रौपदी राणी,
देहि माय गाली,
ओ पांडवा, कलयुग आसी भारी,
कह गया कृष्ण मुरारी,
ओ पांडवा, कलयुग आसी भारी,
कह गया कृष्ण मुरारी,
ओ पांडवा, कलयुग आसी भारी,

वेद पुराण विलोप हो ज्यासी,
नीच घरां आचारी, (व्यवहार)
शिव के मुकुट में गंगा रहसी,
कह सदैव विचारी,
ओ पांडवा, कलयुग आसी भारी,
कह गया कृष्ण मुरारी,
ओ पांडवा, कलयुग आसी भारी,
कह गया कृष्ण मुरारी,
ओ पांडवा, कलयुग आसी भारी,


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