किसी का तुम्हें जब सहारा न हो लिरिक्स Kisi Ka Tumhe Jub Sahara Na Ho Lyrics Sanjay Mittal
किसी का तुम्हें जब सहारा न हो,
जहाँ में कोई जब तुम्हारा न हो,
आ जाना तब तुम शरण में मेरी,
मेरा दर खुला है खुला ही रहेगा, तुम्हारे लिए,
मिले जो ज़माने की ठोकर तुम्हें,
उठा कर गले से लगा लूँगा मैं,
जो रुसवा करे तेरे अपने तुझे,
तो सम्मान तुझको दिलाऊँगा मैं,
जो गर्दिश में तेरा गुजारा न हो,
भटकना भी तुझको ग़वारा ना हो,
आ जाना तब तुम शरण में मेरी,
आ जाना तब तुम शरण में मेरी,
मेरा दर खुला है खुला ही रहेगा, तुम्हारे लिए,
अकेले नहीं तुम ही सँसार में,
है तुम से कई मेरे दरबार में,
ना छोडूंगा तुमको मझदार में,
मिलाऊँगा अपने ही परिवार में,
अगर तू किसी का दुलारा न हो,
किसी की भी आँखों का तारा ना हों,
आ जाना तब तुम शरण में मेरी,
मेरा दर खुला है खुला ही रहेगा, तुम्हारे लिए,
दुखी दीन हीनों की मुश्कानो में,
मेरा रूप तुझको नज़र आएगा,
जो इंसानियत न हो इंसान में,
वो जानवर ही तो कहलाएगा,
किसी ने तुझे अगर सँवारा ना हो,
तेरी गलतियों को सुधारा ना हों,
आ जाना तब तुम शरण में मेरी,
मेरा दर खुला है खुला ही रहेगा, तुम्हारे लिए,
किसी का तुम्हें जब सहारा न हो,
जहाँ में कोई जब तुम्हारा न हो,
आ जाना तब तुम शरण में मेरी,
मेरा दर खुला है खुला ही रहेगा, तुम्हारे लिए,
जहाँ में कोई जब तुम्हारा न हो,
आ जाना तब तुम शरण में मेरी,
मेरा दर खुला है खुला ही रहेगा, तुम्हारे लिए,
मिले जो ज़माने की ठोकर तुम्हें,
उठा कर गले से लगा लूँगा मैं,
जो रुसवा करे तेरे अपने तुझे,
तो सम्मान तुझको दिलाऊँगा मैं,
जो गर्दिश में तेरा गुजारा न हो,
भटकना भी तुझको ग़वारा ना हो,
आ जाना तब तुम शरण में मेरी,
आ जाना तब तुम शरण में मेरी,
मेरा दर खुला है खुला ही रहेगा, तुम्हारे लिए,
अकेले नहीं तुम ही सँसार में,
है तुम से कई मेरे दरबार में,
ना छोडूंगा तुमको मझदार में,
मिलाऊँगा अपने ही परिवार में,
अगर तू किसी का दुलारा न हो,
किसी की भी आँखों का तारा ना हों,
आ जाना तब तुम शरण में मेरी,
मेरा दर खुला है खुला ही रहेगा, तुम्हारे लिए,
दुखी दीन हीनों की मुश्कानो में,
मेरा रूप तुझको नज़र आएगा,
जो इंसानियत न हो इंसान में,
वो जानवर ही तो कहलाएगा,
किसी ने तुझे अगर सँवारा ना हो,
तेरी गलतियों को सुधारा ना हों,
आ जाना तब तुम शरण में मेरी,
मेरा दर खुला है खुला ही रहेगा, तुम्हारे लिए,
किसी का तुम्हें जब सहारा न हो,
जहाँ में कोई जब तुम्हारा न हो,
आ जाना तब तुम शरण में मेरी,
मेरा दर खुला है खुला ही रहेगा, तुम्हारे लिए,
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Lyrics
Kisi Ka Tumhein Jab Sahara Na Ho,
Jahan Mein Koi Jab Tumhara Na Ho,
Aa Jana Tab Tum Sharan Mein Meri,
Mera Dar Khula Hai Khula Hi Rahega, Tumhare Liye,
Mile Jo Zamane Ki Thokar Tumhein,
Utha Kar Gale Se Laga Loonga Main,
Jo Ruswa Kare Tere Apne Tujhe,
To Samman Tujhko Dilaoonga Main,
Jo Gardish Mein Tera Guzara Na Ho,
Bhatakna Bhi Tujhko Gawara Na Ho,
Aa Jana Tab Tum Sharan Mein Meri,
Mera Dar Khula Hai Khula Hi Rahega, Tumhare Liye,
Akele Nahi Tum Hi Sansar Mein,
Hai Tum Se Kayi Mere Darbar Mein,
Na Chhodunga Tumko Majhdar Mein,
Milaonga Apne Hi Parivar Mein,
Agar Tu Kisi Ka Dulhara Na Ho,
Kisi Ki Bhi Aankhon Ka Tara Na Ho,
Aa Jana Tab Tum Sharan Mein Meri,
Mera Dar Khula Hai Khula Hi Rahega, Tumhare Liye,
Dukhi Deen Hino Ki Muskaanon Mein,
Mera Roop Tujhko Nazar Aayega,
Jo Insaniyat Na Ho Insaan Mein,
Wo Jaanwar Hi To Kehlaayega,
Kisi Ne Tujhe Agar Sanwara Na Ho,
Teri Galtiyon Ko Sudhara Na Ho,
Aa Jana Tab Tum Sharan Mein Meri,
Mera Dar Khula Hai Khula Hi Rahega, Tumhare Liye,
Kisi Ka Tumhein Jab Sahara Na Ho,
Jahan Mein Koi Jab Tumhara Na Ho,
Aa Jana Tab Tum Sharan Mein Meri,
Mera Dar Khula Hai Khula Hi Rahega, Tumhare Liye.
Jahan Mein Koi Jab Tumhara Na Ho,
Aa Jana Tab Tum Sharan Mein Meri,
Mera Dar Khula Hai Khula Hi Rahega, Tumhare Liye,
Mile Jo Zamane Ki Thokar Tumhein,
Utha Kar Gale Se Laga Loonga Main,
Jo Ruswa Kare Tere Apne Tujhe,
To Samman Tujhko Dilaoonga Main,
Jo Gardish Mein Tera Guzara Na Ho,
Bhatakna Bhi Tujhko Gawara Na Ho,
Aa Jana Tab Tum Sharan Mein Meri,
Mera Dar Khula Hai Khula Hi Rahega, Tumhare Liye,
Akele Nahi Tum Hi Sansar Mein,
Hai Tum Se Kayi Mere Darbar Mein,
Na Chhodunga Tumko Majhdar Mein,
Milaonga Apne Hi Parivar Mein,
Agar Tu Kisi Ka Dulhara Na Ho,
Kisi Ki Bhi Aankhon Ka Tara Na Ho,
Aa Jana Tab Tum Sharan Mein Meri,
Mera Dar Khula Hai Khula Hi Rahega, Tumhare Liye,
Dukhi Deen Hino Ki Muskaanon Mein,
Mera Roop Tujhko Nazar Aayega,
Jo Insaniyat Na Ho Insaan Mein,
Wo Jaanwar Hi To Kehlaayega,
Kisi Ne Tujhe Agar Sanwara Na Ho,
Teri Galtiyon Ko Sudhara Na Ho,
Aa Jana Tab Tum Sharan Mein Meri,
Mera Dar Khula Hai Khula Hi Rahega, Tumhare Liye,
Kisi Ka Tumhein Jab Sahara Na Ho,
Jahan Mein Koi Jab Tumhara Na Ho,
Aa Jana Tab Tum Sharan Mein Meri,
Mera Dar Khula Hai Khula Hi Rahega, Tumhare Liye.
Shyam baba ka ek aisa bhajan mere saathiyo jisse sun kr dil ko tasali milti h ki mere khatu wale shyam....mere chirawa naresh meri raksha kr rhe h.....meri laaz rakh rhe h.....aaayiye sunte h iss bhajan ko shree sanjay mittal bhaiya ke paavan mukharbindh se....