जरा हल्के गाड़ी हाँकों मेरे राम गाड़ी वाला लिरिक्स Jara Halke Gaadi Hanko Mere Raam Gadi Wala Lyrics

जरा हल्के गाड़ी हाँकों मेरे राम गाड़ी वाला लिरिक्स Jara Halke Gaadi Hanko Mere Raam Gadi Wala Lyrics

 
जरा हल्के गाड़ी हाँकों मेरे राम गाड़ी वाला लिरिक्स Jara Halke Gaadi Hanko Mere Raam Gadi Wala Lyrics

कबीर साहेब का यह बहुत ही सुन्दर भजन पद्म श्री प्रहलाद सिंह टिपानिया जी के द्वारा गाया गया है।  इस भजन में काया, आत्मा के सबंध में वर्णन प्राप्त होता है। इस तन के विषय में साहेब की वाणी है की यह गाड़ी रंग रंगीली है और इसके पहिये रंग बिरंगे हैं। इस गाड़ी को हाँकने वाला छैल छबीला है और बैठने वाले राम हैं। विषय विकार और सांसारिक कार्यों में यह गाड़ी अटक जाती है। इस अटकी हुई गाड़ी के सबंध में उल्लेखनीय है की जो सत्य के मार्ग पर चलते हैं, उनकी गाड़ी पार हो जाती है, लेकिन जो अधर्मी होते हैं वे भव सागर में ही डूब करके रह जाते हैं। जब राम के घर से बुलावा आता है तो देस विदेश के वैद्य भी कुछ नहीं सुधार कर सकते हैं। जोड़ने वाला वही है, और वही तोड़ने वाला है।

धीरे धीरे रे मना, और धीरे सब कुछ होय,
माली सींचें सौ घड़ा, और ऋतु आये फल होय,
एक ही साधे सब सधे, और सब सधे इक जाय,
 
जरा हल्के गाड़ी हाँकों, मेरे राम गाड़ी वाला,
ज़रा धीरे धीरे हाँकों, मेरे राम गाड़ी वाला,
 
गाड़ी म्हारीं रंग रंगीली, पहिया है लाल गुलाल,
अरे, हांकण वाली छैल छबीली, बैठण वाला राम,
भैया, हल्के गाड़ी हाँकों, मेरे राम गाड़ी वाला,
ज़रा धीरे धीरे हाँकों, मेरे राम गाड़ी वाला।
 
गाड़ी अटकी रेत में, मंजिल पड़ी है दूर,
धर्मी धर्मी पार उतर गया, पापी चकना चूर,
भैया, हल्के गाड़ी हाँकों, मेरे राम गाड़ी वाला,
ज़रा धीरे धीरे हाँकों, मेरे राम गाड़ी वाला।
 
देस देस का वैद्य बुलाया, और लाया जड़ी और बूंटी,
अरे जड़ी बूंटी तेरे काम नयी आई, जब राम की घर की टूटी,
भैया, हल्के गाड़ी हाँकों, मेरे राम गाड़ी वाला,
ज़रा धीरे धीरे हाँकों, मेरे राम गाड़ी वाला।
 
 अरे चार जणा मिल माथो उठायो, बाँधी काठ की घोड़ी,
ले जाकर मरघट पे रख दीनी, फूँक दीनी जस होली,
भैया, हल्के गाड़ी हाँकों, मेरे राम गाड़ी वाला,
ज़रा धीरे धीरे हाँकों, मेरे राम गाड़ी वाला।
 
एजी बिलख बिलख कर तिरिया रोवे, बिछड़ गई मेरी जोड़ी,
कहे कबीर सुनों भाई साधो, जिन जोड़ी उन तोड़ी,


Zara halke gaadi haanko is a famous Bhajan By Saint Kabir.
Padmshri Prahlad Singh Tipanya is reknown folk singer who spreads the holy messages of Kabir thoughout the world.
Sakhi:
Dheere dheere re mana, aur dheere sab kuch hoye
Mali seenche sau ghada, aur ritu aaye phal hoye
Ek hi sadhe sab sadhe, aur sab sadhe ik jaaye
Mali seench mooli ko, to phule phale ho jaay

Refrain:
Zara halke gaadi haakon, mere ram gaadi vale
Zara dheere dheere gaadi haakon, mere ram gaadi vale

Verses:
Gaadi mhari rang rangili ni pahiyan hai lal gulal
E ji haakan vali chail chabili, bhai baithan vala ram
bhaiya, halke ...

Gaadi atki reth mein, bhai majal padi hain dur
I dharmi dharmi paar uthar gayi, papi chakna choor
bhaiya, halke ...

Des des ka vaid bulaya, aur laya jadhi aur bhuti
Arre jadhi bhuti tere kam na aayi, jab ram ki ghar ki tooti

Arre char jana mil matho uthayo, ni bandhi kaath ki ghodi
Arre le ja ke mar ghat pe rakhiyan, phoonk dini jis holi ni
bhaiya, halke ...

E bilak bilak kar tiriya ve rove ni, bichad gayi hain meri jodi
Arre kahe kabir suno bhai sadho, jin jodi unhe todi ni
bhaiya, halke ..

Singer : Padmshri Prahlad Singh Tipanya
In Video : Ajay Tipanya, Devnarayan Ji, Dharam Tipanya
Shot & Edited By : Worthever Multimedia Solutions
 
Lyrics by : Saint Kabir
Singer : Padmshri Prahlad Singh Tipanya
Harmonium : Devnarayan Saroliya,
Dholak : Ajay Tipanya,
Manjira : Dharam Tipanya
Timki : Manglesh Mangroliya
 
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