क्या राज़ है मेरे साई सबसे छिपा भजन

क्या राज़ है मेरे साई सबसे छिपा रहे हो राज ए साईं भजन

 
क्या राज़ है मेरे साई सबसे छिपा रहे हो राज ए साईं लिरिक्स Raaj Aie Saai Bhajan Lyrics Sai Baba Bhajan Lyrics in Hindi

तुम फ़कीर होकर भी बांटते खैरात हो ,
तुम नहीं फ़कीर साई सबके दीनानाथ हो,
सारी दुनियाँ से जुदा आपका अंदाज़ है,
इस फकीरी में तुम्हारा कुछ न कुछ तो राज़ है।

खुद माँगते हो भिक्षा सबको खिला रहे हो,
बिगड़ा हुआ मुकद्दर पल में बना रहे हो,
क्या राज़ है मेरे साई सबसे छिपा रहे हो,
मेरा पीर तू मेरा मौला तू मेरा शिरडी वाला साई तू।

कड़वा दी नीम तुमने मीठा बनाया साई,
अपनी दया से जल का दीपक जलाया साईं,
हर रोज़ नया तुम जलवा दिखा रहे हो,
क्या राज़ है मेरे साई सबसे छिपा रहे हो ।

आँखों में तेरे धरती आकाश दोनों दिखते,
तेरे इशारे पर ही ये चाँद तारे ढ़लते,
पर देखें जहाँ तुम नंगे पाँव जा रहे हो,
क्या राज़ है मेरे साई सबसे छिपा रहे हो।

कहते सभी ये तुमने त्यागा शरीर अपना,
हमको तो अब तलक भी लगता है एक सपना,
साई कैसे फिर तुम दर्शन दिखा रहे हो,
क्या राज़ है मेरे साई सबसे छिपा रहे हो,
मेरा पीर तू मेरा मौला तू मेरा शिरडी वाला साई तू। 


Sai Bhajan 2021 | राज -ए- साईं | Raaj e Sai | मेरा शिरडी वाला साई तू by Barkha Soni (Full HD)

Tum Fakeer Hokar Bhee Baantate Khairaat Ho ,
Tum Nahin Fakeer Saee Sabake Deenaanaath Ho,
Saaree Duniyaan Se Juda Aapaka Andaaz Hai,
Is Phakeeree Mein Tumhaara Kuchh Na Kuchh To Raaz Hai.
 
Song: Raaj e Sai
Singer: Barkha Soni
Music: Nitish Dabla - Suraj Singh
Composer: Nitish Dabla
Lyricist: Anil Sharma
Blessings: Papa- Mummy ( Late Shri Balram Bidlaan- & Late Smt. Dulari)
Blessings: Bade Bhaiya Prashant Suryavanshi
Category: Hindi Devotional (Sai Bhajan)
Producers: Amresh Bahadur, Ramit Mathur 

साईं बाबा के भजनों में उनकी अलौकिक महिमा, भक्ति और फकीरी का अनुपम संगम देखने को मिलता है। भजन “साईं नाम ही प्रेम भक्ति की, एक अनूठी माला है” साईं के नाम को प्रेम और भक्ति की माला बताता है, जो राजा-रंक सभी के लिए रक्षक है और उनके नाम के स्मरण से पलभर में शांति व संकटों से मुक्ति मिलती है। वहीं, “तुम फ़कीर होकर भी बांटते खैरात हो” उनकी सादगी और चमत्कारों को उजागर करता है, जहाँ वे भिक्षा माँगते हुए भी भक्तों का भाग्य सँवारते हैं, नीम को मीठा करते हैं, और जल से दीपक जलाते हैं। उनका रहस्यमयी स्वरूप, जो धरती-आकाश को समेटे हुए भी नंगे पाँव विचरण करता है, भक्तों को आश्चर्यचकित करता है। भक्तों को लगता है कि साईं ने देह त्यागी, पर वे आज भी दर्शन देकर अपनी उपस्थिति का अहसास कराते हैं। ये भजन साईं की कृपा, उनकी सर्वव्यापी शक्ति और भक्तों के प्रति असीम प्रेम को दर्शाते हैं, जो श्रद्धा और सबूरी के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं।

Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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