हे रघुनंदन हे सीतापति लिरिक्स He Raghunandan He Sitapati Lyrics

हे रघुनंदन हे सीतापति लिरिक्स He Raghunandan He Sitapati Lyrics, Raam Bhajan by Sushil Kumar Sheel, Satish Dehra, Padma Wadkar

हे रघुनंदन, हे सीतापति,
हे राघव, हे राम।
राजीव नयन पंकज लोचन,
हे रघुवर पूरण काम,
हे रघुनंदन, हे सीतापति,
हे राघव, हे राम।

तुम धनुष बाण के धारी,
मर्यादा के अवतारी,
तुम दीन दयालू कृपालु,
हो जन जन की हितकारी,
तुम ही पितु मात सखा सबके,
हर हृदय तुम्हारा धाम,
हे रघुनंदन, हे सीतापति,
हे राघव, हे राम।

भक्तों को गले लगाते,
दुखियों के कष्ट मिटाते,
तुम दीनो के वर दाता,
हे करहर वचन निभाते,
वो सब सुख यश वैभव पाते,
रटते जो तुम्हारा नाम,
हे रघुनंदन, हे सीतापति,
हे राघव, हे राम।

Hey Raghunandan Hey Radhe Shyam | Sushil Kumar Sheel, Satish Dehra, Padma Wadkar | Krishna and Ram

हे रघुनंदन हे सीतापति लिरिक्स He Raghunandan He Sitapati Lyrics
Hey Raghu Nandan, He Seetaati,
Hey Raghav, Hey Raam.
Raajeev Nayan Pankaj Lochan,
He Raghuvar Pooran Kaam,
Hey Raghu Nandan, He Seetaati,
Hey Raghav, Hey Raam.

Tum Baan Ke Dhaaree,
Maryaada Ke Avataaree,
Tum Deen Dayaaloo Krpaalu,
Ho Jan Jan Kee Hitakaaree,
Tum Hee Pitumat Sakha Sabake,
Har Dil Tumhaara,
Hey Raghu Nandan, He Seetaati,
Hey Raghav, Hey Raam.

Bhakton Ko Gale Lagaate,
Dukhiyon Ke Kasht Mite,
Tum Deeno Ke Var Daata,
He Karataar Varte,
Ve Sab Sukh Yash Vaibhav Paate,
Ratete Jo Tumhaara Naam,
Hey Raghu Nandan, He Seetaati,
Hey Raghav, Hey Raam.
 
रवीन्द्र जैन जी के गीत, संगीत और गायन की शैली अद्वितीय है और प्रभाव अभूतपूर्व है। उनके जैसा गंभीर सारगर्भित लेखन, मन के हर तार को छू कर झंकृत कर देने वाला संगीत और अंतरात्मा तक को आनंदित कर देने वाला गायन कहीं और देखने सुनने को नहीं मिलता। यद्यपि रवीन्द्र जैन जी का किया हुआ बहुत सारा काम अभी भी हमारे पास संरक्षित है जिसे समय समय पर नए कलेवर में सजाकर आरजे ग्रुप आप सभी तक पहुंचा रहा है तथापि कुछ नया करने के उद्देश्य से हमने इस बार दादू के ही अनन्य शिष्यों की कुछ रचनाएं इस संकलन में सम्मिलित की हैं। इस संकलन में रवींद्र जैन जी के लिखे और संगीतबद्ध किए गीत तो हैं ही साथ ही कुछ गीत संगीत और गायन दादू के पार्षद स्वरूपी शिष्यों के भी हैं जिन्होंने रवीन्द्र जैन जी के साथ रामायण, श्री कृष्ण सहित असंख्य सांगीतिक कार्यों में उनके साथ गायन और सहायक लेखन किया है जिनमें सुशील कुमार शील, कश्यप वोरा, सतीश देहरा और सुरेश तिवारी यश हैं।
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