भोर भये पनघट पे मोहे नटखट श्याम सताए लिरिक्स मीनिंग Bhor Bhaye Panghat Lyrics Meaning

भोर भये पनघट पे मोहे नटखट श्याम सताए लिरिक्स मीनिंग Bhor Bhaye Panghat Lyrics Meaning, Radha Krishna Bhajan Lyrics Hindi Meaning.

भोर भये पनघट पे,
मोहे नटखट श्याम सताए,
भोर भये पनघट पे,
मोहे नटखट श्याम सताए,
मोरी चुनरिया लिपटी जाए,
मैं का करूँ हाय राम, हाय, हाय हाय,
भोर भये पनघट पे।

कोई सखी सहेली नाहीं,
संग मैं अकेली,
कोई देखे तो ये जाने,
पनियाँ भरने के बहाने,
गगरी उठाये, राधा श्याम से,
हाय हाय श्याम से, मिलने जाये हाय,
भोर भये पनघट पे,
मोहे नटखट श्याम सताए,
मोरी चुनरिया लिपटी जाए,
मैं का करूँ हाय राम, हाय, हाय हाय,
भोर भये पनघट पे।

आएं पवन झकोरा टूटे अंग अंग मोरा,
चोरी-चोरी चुपके चुपके,
बैठा कहीं पे वो छुपके,
देखे मुस्काये निरलज को,
निरलज को लाज ना आए, हाय,
भोर भये पनघट पे,
मोहे नटखट श्याम सताए,
मोरी चुनरिया लिपटी जाए,
मैं का करूँ हाय राम, हाय, हाय हाय,
भोर भये पनघट पे।

मैं न मिलूँ डगर में तो,
वो चला आए घर में,
मैं दूँ गाली मैं दूँ झिड़की,
मैं ना खोलूँ बंद खिड़की,
निंदिया जो आये तो वो कंकर,
हाँ हाँ, कंकर मार जगाए, हाय,
भोर भये पनघट पे मोहे,
नटखट श्याम सताये
मोरी चुनरिया लिपटी जाये
भोर भये पनघट पे,
मोहे नटखट श्याम सताए,
मोरी चुनरिया लिपटी जाए,
मैं का करूँ हाय राम, हाय, हाय हाय,
भोर भये पनघट पे।

भोर भाई पनघट पे मोहे नटखट श्याम सताये | Radha Krishna Bhajan | Shyam Bhajan | Chetna Shukla

Bhor Bhaye Panaghat Pe,
Mohe Natakhat Shyaam Satae,
Bhor Bhaye Panaghat Pe,
Mohe Natakhat Shyaam Satae,
Moree Chunariya Lipatee Jae,
Main Ka Karoon Haay Raam, Haay, Haay Haay,
Bhor Bhaye Panaghat Pe.

Koee Sakhee Sahelee Naaheen,
Sang Main Akelee,
Koee Dekhe To Ye Jaane,
Paniyaan Bharane Ke Bahaane,
Gagaree Uthaaye, Raadha Shyaam Se,
Haay Haay Shyaam Se, Milane Jaaye Haay,
Bhor Bhaye Panaghat Pe,
Mohe Natakhat Shyaam Satae,
Moree Chunariya Lipatee Jae,
Main Ka Karoon Haay Raam, Haay, Haay Haay,
Bhor Bhaye Panaghat Pe.

Aaen Pavan Jhakora Toote Ang Ang Mora,
Choree-choree Chupake Chupake,
Baitha Kaheen Pe Vo Chhupake,
Dekhe Muskaaye Niralaj Ko,
Niralaj Ko Laaj Na Aae, Haay,
Bhor Bhaye Panaghat Pe,
Mohe Natakhat Shyaam Satae,
Moree Chunariya Lipatee Jae,
Main Ka Karoon Haay Raam, Haay, Haay Haay,
Bhor Bhaye Panaghat Pe.

Main Na Miloon Dagar Mein To,
Vo Chala Aae Ghar Mein,
Main Doon Gaalee Main Doon Jhidakee,
Main Na Kholoon Band Khidakee,
Nindiya Jo Aaye To Vo Kankar,
Haan Haan, Kankar Maar Jagae, Haay,
Bhor Bhaye Panaghat Pe Mohe,
Natakhat Shyaam Sataaye
Moree Chunariya Lipatee Jaaye
Bhor Bhaye Panaghat Pe,
Mohe Natakhat Shyaam Satae,
Moree Chunariya Lipatee Jae,
Main Ka Karoon Haay Raam, Haay, Haay Haay,
Bhor Bhaye Panaghat Pe.
 
Album - Bhor Bhaye panghat pe
Song - Bhor Bhaye panghat pe
Singer - Chetna Shukla
Music - Arun Veer
Lyrics - Traditional
Label - Saawariya
Parent Label(Publisher) - Shubham Audio video Private Limited
DVT-968
 

भोर भये पनघट पे मोहे नटखट श्याम सताए लिरिक्स मीनिंग Bhaor Gaye Panghat Lyrics Meaning, Radha Krishna Bhajan Lyrics Hindi Meaning.

भोर भये पनघट पे, मोहे नटखट श्याम सताए : श्री राधा और कृष्ण जी का अत्यंत ही सुन्दर भजन जिसमे श्री राधा जी श्री श्याम के नटखट स्वभाव के बारे में बताते हुए कहती हैं की सुबह होते ही जब वह पनघट पर पानी भरने के लिए जाती हैं तो श्री कृष्ण उनको तंग करते हैं।
मोरी चुनरिया लिपटी जाए : मेरी चुनरिया लिपटती चली जाती है।
मैं का करूँ हाय राम, हाय, हाय हाय : ऐसे में मैं क्या कर सकती हूँ।
कोई सखी सहेली नाहीं, संग मैं अकेली : मैं अकेली ही रहती हूँ, मेरी कोई सखी/सहेली मेरे साथ में नहीं रहती है।
कोई देखे तो ये जाने, : कोई इसे देख करके ही जान सकता है।
पनियाँ भरने के बहाने गगरी उठाये, राधा श्याम से हाय हाय श्याम से, मिलने जाये हाय: पानी भरने के बहाने गगरी को उठाकर श्री श्याम से मिलन हो जाता है।
आएं पवन झकोरा टूटे अंग अंग मोरा : जब पवन का झोँका आता है तो मेरा बदन टूटने लग जाता है।
चोरी-चोरी चुपके चुपके, बैठा कहीं पे वो छुपके : मुझे वह दूर कहीं पर बैठ कर चोरी चोरी चुपके चुपके से झांकता रहता है।
देखे मुस्काये निरलज को, निरलज को लाज ना आए : श्री कृष्ण ऐसे निर्लज हैं की वे मुझे देख कर मुस्कुराते हैं और उनको शर्म भी नहीं आती है।
मैं न मिलूँ डगर में तो, वो चला आए घर में : यदि मैं उसे राह मैं ना मिलु तो वह घर पर पंहुच जाता है।
मैं दूँ गाली मैं दूँ झिड़की, मैं ना खोलूँ बंद खिड़की : मैं उसे गाली देती हूँ, झिड़की देती हूँ और बंद खिड़की को नहीं खोलती हूँ।
निंदिया जो आये तो वो कंकर, हाँ हाँ, कंकर मार जगाए : जब मुझे नींद आती है तो वह कंकर मार कर मुझे जगाते हैं।
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