इस राजस्थानी गीत में नायिका अपनी सहेलियों से संवाद करती है की उसे एक सपना आया है। इस सपने में कैसे वह अपने ससुराल और प्रिय का चित्रण करती है, निचे इसका हिंदी अर्थ दिया गया है।
सुणल्यो सहेल्यो म्हारी भाइल्यो, सुणल्यो सहेल्यो म्हारी भाइल्यों, सुपनो जी आयो आधी रात, सहेल्यो थाने सुपनो सुणाऊँ रै।
नौं तो कुआँ दस बावड़ी, भरिया ताळ तळाब, सुपने में म्हे तो सासरियो देख्यो ऐ, ऊँची मेडी चढ़ चली, गढ छुवें असमान, सासरियो म्हाने बालो जी लाग्यो ऐ, सासरियो म्हाने बालो लाग्यों ऐ।
मायड़ सी म्हारी सास छी, बाबल सा ससुर सुजान, नणदुली म्हाने घणी मन भाई ऐ, सेज बिछी रंग महल में, फूलां सूँ सेज सजाई, पियाजी रंग महलां पधारया ऐ, पियाजी रंग महला पधारया ऐ।
मधरी मधरी चाल छी, होठाँ पे मुस्कान, पियाजी म्हारे घणां मन भाया ऐ, पियाजी म्हारे घणा मन भाया ऐ,
घूँघटों ऊठायो म्हारो प्रेम सै, नैणा सूं नैण मिलाया, पियाजी म्हारे नैणा में समाया ऐ पियाजी म्हारे नैणां में समाया ऐ।
पलकां झुकी म्हारी लाज सै, होठां सुँ बोल्यो नहीं जाए, पियाजी म्हाने अंग लगाया ऐ, पियाजी म्हानें अंग लगाया ऐ।
पाछे सुपनो टुट गयो, रहगी अधूरी आस, सहेल्यो थाने अब के सुणाऊ ऐ सहेल्यो थानें इब के सुणाऊ ऐ। सुणल्यो सहेल्यो म्हारी भाइल्यो, सुणल्यों सहेल्यो म्हारी भाइल्यों, सुपनो जी आयो आधी रात, सहेल्यो थाने सुपनो सुणाऊँ रै।
सुणल्यो सहेल्यो म्हारी भाइल्यो : मेरी सहेलियों सुन लो, तुम मेरी सहेलियों। सुणल्यो - सुन लो। सहेल्यो-सहेलियों म्हारी-मेरी भाइल्यो-सहेलियों जैसे लडको के लिए भायल्या वैसे ही लड़कियों के लिए भाईली। सुपनो जी आयो आधी रात : मुझे आधी रात को सपना आया है। सहेल्यो थाने सुपनो सुणाऊँ रै : मेरी सहेलियों चलो मैं तुमको सपना सुनाती हूँ। नौं तो कुआँ दस बावड़ी : मुझे सपने में नौ कुआ और दस तालाब दिखे। भरिया ताळ तळाब : ताल तालाब सब भरे हुए दिखे। सुपने में म्हे तो सासरियो देख्यो ऐ : मुझे सपने में ससुराल दिखा। म्हे-मैंने। ऊँची मेडी चढ़ चली : वह ऊँची दिखाई दी। ऊंचाई पर स्थित मकान-मेड़ी। गढ छुवें असमान : ऐसा गढ़ (सपने में देखा) जो आसमान छू रहा था। सासरियो म्हाने बालो जी लाग्यो ऐ : ससुराल मुझे प्यारा लगता है। बालो-प्यारा। मायड़ सी म्हारी सास छी : मेरी सासू तो मेरे माँ के समान थी। छी-थी। बाबल सा ससुर सुजान : मेरे पिता के जैसे मुझे ससुर थे। नणदुली म्हाने घणी मन भाई ऐ : मेरी नणद मुझे खूब मन को भाई। सेज बिछी रंग महल में : रंग महल में सेज बिछी थी। फूलां सूँ सेज सजाई : सेज को फूलों से सजाया गया था। सूं -से। पियाजी रंग महलां पधारया ऐ : मेरे पिया जी रंग महल में पधारे थे। मधरी मधरी चाल छी, होठाँ पे मुस्कान : उनकी चाल मधुर थी। पियाजी म्हारे घणां मन भाया ऐ : मेरे पिया जी मेरे खूब मन को भाएँ। घूँघटों ऊठायो म्हारो प्रेम सै : उन्होंने (पिया जी) ने बड़े ही प्रेम से मेरा घूंघट उठाया। नैणा सूं नैण मिलाया : उन्होंने नैनों से नैन मिलाए। पलकां झुकी म्हारी लाज सै : मेरी पलकें/आखें लाज (शर्म) से झुक गई। होठां सुँ बोल्यो नहीं जाए : होठों से कुछ भी बोला नहीं जा रहा था। पियाजी म्हाने अंग लगाया ऐ : मेरे पियाजी ने मुझको अपने अंग से लगाया। पाछे सुपनो टुट गयो : इसके बाद सपना टूट गया। पाछे-इसके बाद। रहगी अधूरी आस : मेरी आस/कामना मन की मन में ही रह गई।
Rajasthani Songs Lyrics
Supno - सुणल्यो सहेलियों म्हारी | Kurja | राजस्थानी विरह गीत | Seema Mishra | New Rajasthani Song
Naun To Kuaan Das Baavadi, Bhariya Taal Talaab, Supane Mein Mhe To Saasariyo Dekhyo Ai, unchi Medi Chadh Chali, Gadh Chhuven Asamaan, Saasariyo Mhaane Baalo Ji Laagyo Ai, Saasariyo Mhaane Baalo Laagyon Ai.
Maayad Si Mhaari Saas Chhi, Baabal Sa Sasur Sujaan, Nanaduli Mhaane Ghani Man Bhai Ai, Sej Bichhi Rang Mahal Mein, Phulaan Sun Sej Sajai, Piyaaji Rang Mahalaan Padhaaraya Ai, Piyaaji Rang Mahala Padhaaraya Ai.
Madhari Madhari Chaal Chhi, Hothaan Pe Muskaan, Piyaaji Mhaare Ghanaan Man Bhaaya Ai, Piyaaji Mhaare Ghana Man Bhaaya Ai,