आओ री सुहागन आओ री भजन
आओ री सुहागन आओ री भजन
यशोदा की गोदभराई के दिन सभी औरते नंदराय के घर आते हैं और उन्हें बधाई देते हुए गीत गाती हैं।
आओ री सुहागन, आओ री,
जशोदा की गोद भराओ री,
गोद भराओ री मौज मनाओ री,
गोद भराओ री, मंगल गाओ री,
आओ री सुहागन आओ री,
जशोदा की गोद भराओ री।
पुण्यवान को गरभ में आयो,
आनंद छाओ, हियो हरषाओं,
फूल बिछाओ री, चौक पुराओ री,
गोद भराओ री, मंगल गावो री,
आओ री सुहागन आओ री,
जशोदा की गोद भराओ री।
ललना के आवन पे, महुरि मिलेंगी,
नेक लिए बिन फिर ना टलेंगी,
गोद भराओ री, मंगल गावो री,
आओ री सुहागन आओ री,
जशोदा की गोद भराओ री।
नन्द बाबा के भवन उजियारा आवेगो,
सखी, बृज में ब्रिज को दुलारों आवेगो,
मन मोहन प्राण प्यारो आवेगो,
नन्द बाबा के भवन उजियारा आवेगो।
जशोदा की गोद भराओ री,
गोद भराओ री मौज मनाओ री,
गोद भराओ री, मंगल गाओ री,
आओ री सुहागन आओ री,
जशोदा की गोद भराओ री।
पुण्यवान को गरभ में आयो,
आनंद छाओ, हियो हरषाओं,
फूल बिछाओ री, चौक पुराओ री,
गोद भराओ री, मंगल गावो री,
आओ री सुहागन आओ री,
जशोदा की गोद भराओ री।
ललना के आवन पे, महुरि मिलेंगी,
नेक लिए बिन फिर ना टलेंगी,
गोद भराओ री, मंगल गावो री,
आओ री सुहागन आओ री,
जशोदा की गोद भराओ री।
नन्द बाबा के भवन उजियारा आवेगो,
सखी, बृज में ब्रिज को दुलारों आवेगो,
मन मोहन प्राण प्यारो आवेगो,
नन्द बाबा के भवन उजियारा आवेगो।
श्री कृष्ण भजन | आओ री सुहागन आओ री | Aao Ri Suhagan Aao Ri
आओ सीता, लक्ष्मी नारि, कलश सिर धारण करो॥
कलश के मुख में विष्णु जी सोहे, कण्ठ में लगकर शंकर मोहे।
ये जी ब्रह्मा सोहे मूलाधार कलश, तेरी चूड़ी अमर हो जाये॥
सात समुद्रों का निर्मल जल, सात द्वीप और पृथ्वी अंचल।
गंगा, यमुना की पावन धार कलश, तेरो ललना अमर हो जाये॥
चारों वेद का ज्ञान भरा है, वुसधा और संसार भरा है।
ये तो मन वांछित दातार कलश, तेरी बिंदिया अमर हो जाये॥
आओ माता बहनों आओ, कलश गीत सब मिलकर गाओ।
ये तो गायत्री सावित्री परिवार कलश, तेरो कंगना अमर हो जाये॥
कलश धारण करो बहिनों, देव सब ही समाये हैं।
सभी नदियाँ व पावन तीर्थ, इसमें उतर आये हैं॥
परम सौभाग्य है उनका, जिन्होंने शीश पर धरा।
दिव्य वरदान देवों के, सहज ही बरस आये हैं॥