भजे व्रजैकमण्डनं कृष्णष्टकम् जानिये अर्थ और महत्त्व
Saroj Jangir
भजे व्रजैकमण्डनं कृष्णष्टकम् जानिये अर्थ और महत्त्व
'भजे व्रजैकमण्डनं' से प्रारंभ होने वाला 'श्रीकृष्णाष्टकम्' आदि शंकराचार्य द्वारा रचित एक प्रसिद्ध स्तोत्र है, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण के विभिन्न रूपों, लीलाओं और गुणों का वर्णन किया गया है। इस अष्टक के प्रत्येक श्लोक में श्रीकृष्ण की महिमा का गुणगान किया गया है, जो भक्तों के लिए अत्यंत प्रेरणादायक है।
भजे व्रजैकमण्डनं समस्तपापखण्डनं मैं व्रज के एकमात्र अलंकरण, समस्त पापों का नाश करने वाले, अपने भक्तों के हृदय को आनंदित करने वाले, सदा नंदनंदन श्रीकृष्ण की वंदना करता हूँ।
मनोजगर्वमोचनं विशाललोललोचनं कामदेव के गर्व को नष्ट करने वाले, विशाल और चंचल नेत्रों वाले, गोपों के शोक को दूर करने वाले, कमल नेत्रों वाले श्रीकृष्ण को नमन करता हूँ।
कदम्बसूनकुण्डलं सुचारुगण्डमण्डलं कदंब पुष्पों की कुंडलियाँ धारण करने वाले, सुंदर कपोलों वाले, व्रजांगनाओं के एकमात्र प्रिय, दुर्लभ श्रीकृष्ण को नमन करता हूँ।
सदैव पादपङ्कजं मदीयमानसे निजं अपने कमल चरणों को सदा मेरे मन में स्थापित करने वाले, उत्तम बालों वाले, नंदबालक श्रीकृष्ण को नमन करता हूँ।
भुवोभरावतारकं भवाब्धिकर्णधारकं पृथ्वी के भार को उतारने वाले, संसार सागर के पार लगाने वाले, यशोदा के किशोर, चित्तचोर श्रीकृष्ण को नमन करता हूँ।
गुणाकरं सुखाकरं कृपाकरं कृपापरं गुणों के भंडार, सुख के स्रोत, कृपा के सागर, देवताओं के शत्रुओं का नाश करने वाले, गोपनंदन श्रीकृष्ण को नमन करता हूँ।
समस्तगोपनन्दनं हृदंबुजैकमोदनं सभी गोपों को आनंदित करने वाले, हृदय कमल को प्रफुल्लित करने वाले, कुंजों के मध्य में विहार करने वाले, प्रसन्न सूर्य के समान शोभायमान श्रीकृष्ण को नमन करता हूँ।
विदग्धगोपिकामनोमनोज्ञतल्पशायिनं चतुर गोपिकाओं के मन को मोहित करने वाले, सुंदर शय्या पर शयन करने वाले, कुंज काननों में विहार करने वाले, प्रबल अग्नि को पी जाने वाले श्रीकृष्ण को नमन करता हूँ।
महत्त्व: श्रीकृष्णाष्टकम् का नियमित पाठ करने से भक्तों को मानसिक शांति, आध्यात्मिक उन्नति और भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त होती है। यह स्तोत्र भक्तों के जीवन में आनंद और समृद्धि का संचार करता है, और उनके समस्त दोषों का नाश करता है। जो व्यक्ति इस अष्टक का नित्य पाठ करता है, उसे प्रत्येक जन्म में श्रीकृष्ण की भक्ति प्राप्त होती है।