शेर पे होके सवार मैया जी मेरे घर आना भजन

शेर पे होके सवार मैया जी मेरे घर आना भजन

(मुखड़ा)
शेर पे होके सवार,
मैया जी, मेरे घर आना,
जग की पालनहार,
दाती माँ, मेरे घर आना।
मैया जी, मेरे घर आना,
दाती माँ, मेरे घर आना,
जग की पालनहार,
मैया जी, मेरे घर आना।।

(अंतरा)
त्रिकुट पर्वत बसी भवानी,
ज्वाला जल रही, ज्योति नूरानी,
वहाँ बहती जल की धार,
मैया जी, मेरे घर आना,
शेर पे होके सवार,
मैया जी, मेरे घर आना।।

हाथी मत्था कठिन चढ़ाई,
देती सहारा खुद महामाई,
चहुँ ओर मची जय-जयकार,
मैया जी, मेरे घर आना,
शेर पे होके सवार,
मैया जी, मेरे घर आना।।

लांगुर वीर करे अगवानी,
ठुमक-ठुमक फिर चले महारानी,
‘नागर’ की दरकार,
मैया जी, मेरे घर आना,
शेर पे होके सवार,
मैया जी, मेरे घर आना।।

(अंतिम पुनरावृत्ति)
शेर पे होके सवार,
मैया जी, मेरे घर आना,
जग की पालनहार,
दाती माँ, मेरे घर आना।
मैया जी, मेरे घर आना,
दाती माँ, मेरे घर आना,
जग की पालनहार,
मैया जी, मेरे घर आना।।
 


धन दौलत से भी बढ़कर है ये भजन - Maiya Ji Mere Ghar Aana - Amit Natkhat - 2020 New Bhajan
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