कबीर मंदिर लाख का जडियां हीरे लालि मीनिंग Kabir Mandir Laakh Ka Hindi Meaning Kabir Ke Dohe Hindi Arth Sahit (Hindi Bhavarth/Meaning)
कबीर मंदिर लाख का, जडियां हीरे लालि ।दिवस चारि का पेषणा, बिनस जाएगा कालि ॥
Kabir Mandir Laakh Ka, Jadiya Heere Laali,
Divas Chaari Ka Pekhna Binas Jaaega Kaali.
मंदिर लाख का : मनुष्य रूपी देह, तन रूपी मंदिर.
जडियां हीरे लालि : इसमें हीरे मोती (लाल-रत्न) जड़े हुए हैं.
दिवस चारि का : बहुत ही अल्प समय के लिए.
पेषणा : प्रेक्षण, दिखावा.
बिनस जाएगा : नष्ट हो जाएगा.
कालि : कल.
जडियां हीरे लालि : इसमें हीरे मोती (लाल-रत्न) जड़े हुए हैं.
दिवस चारि का : बहुत ही अल्प समय के लिए.
पेषणा : प्रेक्षण, दिखावा.
बिनस जाएगा : नष्ट हो जाएगा.
कालि : कल.
मानव का शरीर/देह अत्यंत ही सुन्दर है जो लाक्षा (लाख/लाक्षाग्रह) से निर्मित है. इस सुन्दर मंदिर में अनमोल रत्न जड़े हुए हैं. लेकिन इसकी शोभा अत्यंत ही अल्प समय के लिए है. थोड़े ही समय के उपरान्त इसकी शोभा समाप्त हो जानी है, यह नष्ट हो जाना है. प्रस्तुत साखी में रुप्कातिश्योक्ति और श्लेष अलंकार की सफल व्यंजना हुई है. इसलिए इस सुंदर देह पर अहंकार करना व्यर्थ है. इसकी उपयोगिता इतनी ही है की शरीर के साथ देने तक व्यक्ति हरी के नाम का सतत सुमिरण करे जिससे की उसकी मुक्ति का मार्ग प्रशस्त हो सके.