भक्तों का बेड़ा करदे पार भवानी भजन
(मुखड़ा)
भक्तों का बेड़ा कर दे पार भवानी,
तेरी जग में शान भवानी,
तेरी जग में शान भवानी,
भक्तों का बेड़ा कर दे पार भवानी।।
(अंतरा)
अंधों ने माँ आँखें पाईं,
मूढ़ हुए गुणवान भवानी,
तेरी जग में शान भवानी,
भक्तों का बेड़ा कर दे पार भवानी।।
बांझन को माँ पुत्र दियो है,
निर्धन हुए धनवान भवानी,
तेरी जग में शान भवानी,
भक्तों का बेड़ा कर दे पार भवानी।।
गूंगे जय जय बोले तेरी,
निर्बल हुए बलवान भवानी,
तेरी जग में शान भवानी,
भक्तों का बेड़ा कर दे पार भवानी।।
तेरी कृपा माँ जो ही जावे,
भिक्षु देने लगे दान भवानी,
तेरी जग में शान भवानी,
भक्तों का बेड़ा कर दे पार भवानी।।
तेरे दरश बिन वापस न जाऊँ,
हमने लिया है ठान भवानी,
तेरी जग में शान भवानी,
भक्तों का बेड़ा कर दे पार भवानी।।
थोड़ी दया मुझ पर भी कर दे,
राजेंद्र है नादान भवानी,
तेरी जग में शान भवानी,
भक्तों का बेड़ा कर दे पार भवानी।।
(अंतिम पुनरावृत्ति)
भक्तों का बेड़ा कर दे पार भवानी,
तेरी जग में शान भवानी,
तेरी जग में शान भवानी,
भक्तों का बेड़ा कर दे पार भवानी।।
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