मैया मोरी मैं नहीं माखन खायो Maiya Mori Main Nahi Makhan Khayo Krishna Bhajan
ओ मैया मोरी, मैया, ओ मैया,ओरी मैया, मोरी मैया,
साँची कह रहियो तेरो कन्हैया,
ओ मैया मोरी, मैं नहीं माखन खायो,
नहीं नहीं मैं नहीं, माखन खायो,
मैं नहीं माखन खायो,
मैया मोरी मैं नहीं माखन खायो।
जिन गोपीन की तू मानत है,
वे दोहरी नीत चलाय रही,
मोसे करवाई रही चोरी और,
मोपे ही दोष लगाई रही,
माखन के कारण गोकुल की,
गलियन में मोहे नचाय रही,
मैया मोरे सुधेपन को,
सब मिलके लाभ उठाई रही,
इनके पीछे चोर कहावे,
इनके पीछे चोर कहावे,
माँ यशोदा तेरो जायो,
ओ मैया मोरी मैं नहीं माखन खायो,
नहीं नहीं मैं नहीं माखन खायो।
मोहे चोरी ते क्या काम भला,
बिन माँगे जब पावत हूँ,
माँ तो से मिले माखन इतनो जो
खावत नहीं अघावत हूँ,
मोरी अच्छी मैया मैं तोसे नहीं,
कोई बात छुपावत हूँ,
नित ग्वालिन मुझे बुलावत हैं,
मैं उनकी गलिन नहीं जावत हूँ,
सब ग्वालिन मेरे बैर पड़ी हैं
जे बैरन मेरे पीछे पड़ी हैं,
बरबस मुख लपटायो,
ओ मैया मोरी, मैं नहीं माखन खायो,
नहीं नहीं मैं नहीं माखन खायो।
झूठी सच्ची दे के सफाई,
कान्हा ने समझायो,
माँ जसुमति ने एक ना मानी,
माँ जसुमति ने एक ना मानी,
लाल को मुँह ना लागायो,
ओ मैया मोरी, मैं नहीं माखन खायो
नहीं नहीं मैं नहीं माखन खायो
ओ री मैया, हो री मैया,
साँची कह रह्यो तेरो कन्हैया,
मैं नहीं माखन खायो,
मैया मोरी, मैं नहीं माखन खायो,
भोर भये गयैन के पाछे,
मधुवन मोहिं पठायो,
चार पहर वंशीवट भट भटक्यो,
सांझ परे घर आयो.
मैया मोरी मैं कब माखन खायो।
मैं बालक बहियन को छोटो,
छींको केहि विधि पायो.
ग्वाल-बाल सब बैर परे हैं,
बरबस मुख लपटायो,
मैया मोरी मैं नही माखन खायो,
तू जननी मन की अति भोरी,
इनके कहे पतियायो,
यह ले अपनी लकुटि कमरिया,
बहुतहि नाच नचायो
मैया मोरी मैं नही माखन खायो।
जिया तेरे कछु भेद परायो है,
जानि परायो जायो मईया,
जानि परायो जायो,
ओ मईया मोरी मैं नही माखन खायो,
सूरदास तब विहँसी यशोदा,
लै उर कंठ लगायो,
मैया मोरी मैं नही माखन खायो,
साँची कह रहियो तेरो कन्हैया,
ओ मैया मोरी, मैं नहीं माखन खायो,
नहीं नहीं मैं नहीं, माखन खायो,
मैं नहीं माखन खायो,
मैया मोरी मैं नहीं माखन खायो।
जिन गोपीन की तू मानत है,
वे दोहरी नीत चलाय रही,
मोसे करवाई रही चोरी और,
मोपे ही दोष लगाई रही,
माखन के कारण गोकुल की,
गलियन में मोहे नचाय रही,
मैया मोरे सुधेपन को,
सब मिलके लाभ उठाई रही,
इनके पीछे चोर कहावे,
इनके पीछे चोर कहावे,
माँ यशोदा तेरो जायो,
ओ मैया मोरी मैं नहीं माखन खायो,
नहीं नहीं मैं नहीं माखन खायो।
मोहे चोरी ते क्या काम भला,
बिन माँगे जब पावत हूँ,
माँ तो से मिले माखन इतनो जो
खावत नहीं अघावत हूँ,
मोरी अच्छी मैया मैं तोसे नहीं,
कोई बात छुपावत हूँ,
नित ग्वालिन मुझे बुलावत हैं,
मैं उनकी गलिन नहीं जावत हूँ,
सब ग्वालिन मेरे बैर पड़ी हैं
जे बैरन मेरे पीछे पड़ी हैं,
बरबस मुख लपटायो,
ओ मैया मोरी, मैं नहीं माखन खायो,
नहीं नहीं मैं नहीं माखन खायो।
झूठी सच्ची दे के सफाई,
कान्हा ने समझायो,
माँ जसुमति ने एक ना मानी,
माँ जसुमति ने एक ना मानी,
लाल को मुँह ना लागायो,
ओ मैया मोरी, मैं नहीं माखन खायो
नहीं नहीं मैं नहीं माखन खायो
ओ री मैया, हो री मैया,
साँची कह रह्यो तेरो कन्हैया,
मैं नहीं माखन खायो,
मैया मोरी, मैं नहीं माखन खायो,
भोर भये गयैन के पाछे,
मधुवन मोहिं पठायो,
चार पहर वंशीवट भट भटक्यो,
सांझ परे घर आयो.
मैया मोरी मैं कब माखन खायो।
मैं बालक बहियन को छोटो,
छींको केहि विधि पायो.
ग्वाल-बाल सब बैर परे हैं,
बरबस मुख लपटायो,
मैया मोरी मैं नही माखन खायो,
तू जननी मन की अति भोरी,
इनके कहे पतियायो,
यह ले अपनी लकुटि कमरिया,
बहुतहि नाच नचायो
मैया मोरी मैं नही माखन खायो।
जिया तेरे कछु भेद परायो है,
जानि परायो जायो मईया,
जानि परायो जायो,
ओ मईया मोरी मैं नही माखन खायो,
सूरदास तब विहँसी यशोदा,
लै उर कंठ लगायो,
मैया मोरी मैं नही माखन खायो,
भजन श्रेणी : कृष्ण जन्माष्टमी भजन (श्री कृष्ण जन्माष्टमी के सभी भजन देखें )
श्री कृष्ण भजन | मैया मोरी मैं नहीं माखन खायो | Maiya Mori Main Nahin Makhan Khayo
Ori Maiya, Mori Maiya,
Saanchi Kah Rahiyo Tero Kanhaiya,
O Maiya Mori, Main Nahin Maakhan Khaayo,
Nahin Nahin Main Nahin, Maakhan Khaayo,
Main Nahin Maakhan Khaayo,
Maiya Mori Main Nahin Maakhan Khaayo.
Jin Gopin Ki Tu Maanat Hai,
Ve Dohari Nit Chalaay Rahi,
Mose Karavai Rahi Chori Aur,
Mope Hi Dosh Lagai Rahi,
Maakhan Ke Kaaran Gokul Ki,
Galiyan Mein Mohe Nachaay Rahi,
Maiya More Sudhepan Ko,
Sab Milake Laabh Uthai Rahi,
Inake Pichhe Chor Kahaave,
Inake Pichhe Chor Kahaave,
Maan Yashoda Tero Jaayo,
O Maiya Mori Main Nahin Maakhan Khaayo,
Nahin Nahin Main Nahin Maakhan Khaayo.
Mohe Chori Te Kya Kaam Bhala,
Bin Maange Jab Paavat Hun,
Maan To Se Mile Maakhan Itano Jo
Khaavat Nahin Aghaavat Hun,
Mori Achchhi Maiya Main Tose Nahin,
Koi Baat Chhupaavat Hun,
Nit Gvaalin Mujhe Bulaavat Hain,
Main Unaki Galin Nahin Jaavat Hun,
Sab Gvaalin Mere Bair Padi Hain
Je Bairan Mere Pichhe Padi Hain,
Barabas Mukh Lapataayo,
O Maiya Mori, Main Nahin Maakhan Khaayo,
Nahin Nahin Main Nahin Maakhan Khaayo.
Jhuthi Sachchi De Ke Saphai,
Kaanha Ne Samajhaayo,
Maan Jasumati Ne Ek Na Maani,
Maan Jasumati Ne Ek Na Maani,
Laal Ko Munh Na Laagaayo,
O Maiya Mori, Main Nahin Maakhan Khaayo
Nahin Nahin Main Nahin Maakhan Khaayo
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Author - Saroj Jangir
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