जय जय हो गणेश काटो हमरे कलेश भजन
जय जय हो गणेश काटो हमरे कलेश भजन
जय जय हो गणेश,
काटो हमरे कलेश,
आईं शरण तिहारी बलिहारी हो,
जय गणपति, विजय हमारी हो।।
जो कोई तेरी करें आरती,
मनवांछित फल पावे,
लम्बोदर, तुम सबसे पहले,
उसका काम बनावे,
जय गिरजा के लाल,
काटो हमरे कलेश,
आईं शरण तिहारी बलिहारी हो,
जय गणपति, विजय हमारी हो।।
रिद्धि-सिद्धि के आप हैं दाता,
जग के पालनहारी,
कदम्ब तुम्हारी होती पूजा,
आए शरण तिहारी,
जय गिरजा के लाल,
काटो हमरे कलेश,
आईं शरण तिहारी बलिहारी हो,
जय गणपति, विजय हमारी हो।।
गोल-गोल मोदक के लड्डू,
तुमको भोग लगाते,
लम्बोदर, तुम सबसे पहले,
उसका काम बनाते,
रिद्धि-सिद्धि के आप हैं दाता,
जग के पालनहारी,
कदम्ब तुम्हारी होती पूजा,
आए शरण तिहारी,
जय गिरजा के लाल,
काटो हमरे कलेश,
आईं शरण तिहारी बलिहारी हो,
जय गणपति, विजय हमारी हो।।
सिद्धविजय गजानन का,
यहां गूंज रहा है नारा,
नर और नारी मिलकर बाबा,
बोले जय जयकारा,
रिद्धि-सिद्धि के आप हैं दाता,
जग के पालनहारी,
कदम्ब तुम्हारी होती पूजा,
आए शरण तिहारी,
जय गिरजा के लाल,
काटो हमरे कलेश,
आईं शरण तिहारी बलिहारी हो,
जय गणपति, विजय हमारी हो।।
ओ तेरी तुण्ड तुण्डाला,
तेरी सूंड सुंडाला,
तेरी मोहनी मूरत बड़ी न्यारी हो,
जय गणपति, विजय हमारी हो।।
जय जय हो गणेश,
काटो हमरे कलेश,
आईं शरण तिहारी बलिहारी हो,
जय गणपति, विजय हमारी हो।।
काटो हमरे कलेश,
आईं शरण तिहारी बलिहारी हो,
जय गणपति, विजय हमारी हो।।
जो कोई तेरी करें आरती,
मनवांछित फल पावे,
लम्बोदर, तुम सबसे पहले,
उसका काम बनावे,
जय गिरजा के लाल,
काटो हमरे कलेश,
आईं शरण तिहारी बलिहारी हो,
जय गणपति, विजय हमारी हो।।
रिद्धि-सिद्धि के आप हैं दाता,
जग के पालनहारी,
कदम्ब तुम्हारी होती पूजा,
आए शरण तिहारी,
जय गिरजा के लाल,
काटो हमरे कलेश,
आईं शरण तिहारी बलिहारी हो,
जय गणपति, विजय हमारी हो।।
गोल-गोल मोदक के लड्डू,
तुमको भोग लगाते,
लम्बोदर, तुम सबसे पहले,
उसका काम बनाते,
रिद्धि-सिद्धि के आप हैं दाता,
जग के पालनहारी,
कदम्ब तुम्हारी होती पूजा,
आए शरण तिहारी,
जय गिरजा के लाल,
काटो हमरे कलेश,
आईं शरण तिहारी बलिहारी हो,
जय गणपति, विजय हमारी हो।।
सिद्धविजय गजानन का,
यहां गूंज रहा है नारा,
नर और नारी मिलकर बाबा,
बोले जय जयकारा,
रिद्धि-सिद्धि के आप हैं दाता,
जग के पालनहारी,
कदम्ब तुम्हारी होती पूजा,
आए शरण तिहारी,
जय गिरजा के लाल,
काटो हमरे कलेश,
आईं शरण तिहारी बलिहारी हो,
जय गणपति, विजय हमारी हो।।
ओ तेरी तुण्ड तुण्डाला,
तेरी सूंड सुंडाला,
तेरी मोहनी मूरत बड़ी न्यारी हो,
जय गणपति, विजय हमारी हो।।
जय जय हो गणेश,
काटो हमरे कलेश,
आईं शरण तिहारी बलिहारी हो,
जय गणपति, विजय हमारी हो।।
GANESH VANDNA BY ASHOK DIXIT (INDORE M.P)
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Author - Saroj Jangir
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