जय श्री खाटू श्याम जी महाराज की, बाबा के भक्तों के लिए एक अनूठा भजन जिसे स्वर दिया है मनोज अग्रवाल जी ने। यह एक ऐसा भजन है जिसे बार बार सुनने के बाद भी जी नहीं भरता है। आप भी सुनिए खाटू श्याम जी का यहाँ भजन "बावरा"/Bawara. इस भजन (बिन हरी नाम गुजारा नहीं ) के लेखक संगीता कपिल जी हैं।
प्रीतम को जो पुकारा नहीं, रे बावरे मन किनारा नहीं, बिन हरी नाम गुजारा नहीं, रे बावरे मन किनारा नहीं।
फँसता क्यों जाता माया में, ये है नागिन काली, डस जायेगी बचकर रहना, चौतरफा मुँह वाली, फिर ये जनम दुबारा नहीं,
Khatu Shyam Ji Bhajan Lyrics in Hindi
रे बावरे मन किनारा नहीं, बिन हरी नाम गुजारा नहीं, रे बावरे मन किनारा नहीं।
इब तो तूँ बस इस नैया को, करदे श्याम हवाले बस की बात नहीं बन्दे की, ये दातार सम्हाले, झूठा, अहम का भाव गंवारा नहीं, रे बावरे मन किनारा नहीं,
बिन हरी नाम गुजारा नहीं, रे बावरे मन किनारा नहीं।
ये मौका भी चूक गया तो, क्या है आनी जानी, श्याम बहादुर शिव जाग नींद से, जीवन ओस का पानी, भूल के सोना दुबारा नहीं, रे बावरे मन किनारा नहीं, बिन हरी नाम गुजारा नहीं, रे बावरे मन किनारा नहीं।