जगदम्बा थे तो आकर ओढो माँ जी सा भजन
जगदम्बा थे तो आकर ओढो ऐ Jagdamba The To Aakar Odho
जगदम्बा थे तो, आकर ओढो ऐ,माँ जी सा थे तो, आकर ओढो ऐ,
भगत ल्याया, तारा री चुनड़ी,
सेवक ल्याया तारा री चुनड़ी।
सुहागण मिल, चाव से बांधी ऐ,
श्रद्धा के रंग में, रंगाई चुनड़ी,
जगदम्बा थे तो, आकर ओढो ऐ,
माँ जी सा थे तो, आकर ओढो ऐ,
भगत ल्याया, तारा री चुनड़ी,
सेवक ल्याया तारा री चुनड़ी।
सुरत रो झीणो, पोत बनायो ऐ,
मनड़ा की पेटी माय, आ आई चुनड़ी,
जगदम्बा थे तो, आकर ओढो ऐ,
माँ जी सा थे तो, आकर ओढो ऐ,
भगत ल्याया, तारा री चुनड़ी,
सेवक ल्याया तारा री चुनड़ी।
आशा का तारा, खूब लगाया ऐ,
मोती की लूमा, लगाई चुनड़ी,
जगदम्बा थे तो, आकर ओढो ऐ,
माँ जी सा थे तो, आकर ओढो ऐ,
भगत ल्याया, तारा री चुनड़ी,
सेवक ल्याया तारा री चुनड़ी।
माँ सच्चा तारा, सांचों ही गोटो ऐ,
म्हानै प्यारी लागै माँ, तारा री चुनड़ी,
जगदम्बा थे तो, आकर ओढो ऐ,
माँ जी सा थे तो, आकर ओढो ऐ,
भगत ल्याया, तारा री चुनड़ी,
सेवक ल्याया तारा री चुनड़ी।
चुनड़ी का तारा, चम चम चमके ऐ,
म्हारों मनड़ो हर लियो, तारा री चुनड़ी,
जगदम्बा थे तो, आकर ओढो ऐ,
माँ जी सा थे तो, आकर ओढो ऐ,
भगत ल्याया, तारा री चुनड़ी,
सेवक ल्याया तारा री चुनड़ी।
बालकिया गावे, चुनड़ी उढ़ावे ऐ माँ,
रवि थारो गावे, चुनड़ी उढ़ावे ऐ माँ,
थे आकर ओढ़ो माँ, तारा री चुनड़ी,
जगदम्बा थे तो, आकर ओढो ऐ,
माँ जी सा थे तो, आकर ओढो ऐ,
भगत ल्याया, तारा री चुनड़ी,
सेवक ल्याया तारा री चुनड़ी।
भजन श्रेणी : माता रानी भजन (Read More : Mata Rani Bhajan)
Bhagat Laya Chundri | जगदम्बा थे तो आकर ओढो भगत ल्याया तारा री चुंदड़ी | Mata Bhajan by Ravi Trivedi
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Author - Saroj Jangir
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