जिसकी चौखट पे झुकता ये संसार है

जिसकी चौखट पे झुकता ये संसार है

जिसकी चौखट पे झुकता ये संसार है,
उसकी चौखट के हम तो सेवादार हैं,
ये श्याम से प्रीत लगाने का उपहार है,
सेवादार हैं हम, सेवादार हैं,
जिसकी चौखट पे झुकता ये संसार है,
उसकी चौखट के हम तो सेवादार हैं।

जो दिन दुखी होते हैं,
उनके दुःख दूर है करता,
जो खाली झोली लाए,
उनके भंडारे भरता,
लख लख कर देता ऐसा लखदातार है,
सेवादार हैं हम, सेवादार हैं,
जिसकी चौखट पे झुकता ये संसार है,
उसकी चौखट के हम तो सेवादार हैं।

कोई प्रेमी इनका हमकों,
जब भी कही मिल जाता,
इक अंजाना प्यारा सा,
रिश्ता उनसे बन जाता,
अपनों से बढकर मिलता उनसे प्यार है,
सेवादार हैं हम, सेवादार हैं,
जिसकी चौखट पे झुकता ये संसार है,
उसकी चौखट के हम तो सेवादार हैं।

ये एक ही सच्चा द्वारा,
आलूसिंह जी ने बताया,
जो सच्चे मन से ध्याए,
उसे बाबा से मिलवाया,
कहे श्याम किया था घर घर में प्रचार है,
सेवादार हैं हम, सेवादार हैं,
जिसकी चौखट पे झुकता ये संसार है,
उसकी चौखट के हम तो सेवादार हैं।

जिसकी चौखट पे झुकता ये संसार है,
उसकी चौखट के हम तो सेवादार है,
ये श्याम से प्रीत लगाने का उपहार है,
सेवादार हैं हम, सेवादार हैं,
जिसकी चौखट पे झुकता ये संसार है,
उसकी चौखट के हम तो सेवादार हैं।
 
 

हम सेवादार है | जिसकी चौखट पर झुकता ये संसार है | Shri Shyam Singh Chouhan | Sewadaar Hai Hum

Jisaki Chaukhat Pe Jhukata Ye Sansaar Hai,
Usaki Chaukhat Ke Ham To Sevaadaar Hain,
Ye Shyaam Se Prit Lagaane Ka Upahaar Hai,
Sevaadaar Hain Ham, Sevaadaar Hain,
Jisaki Chaukhat Pe Jhukata Ye Sansaar Hai,
Usaki Chaukhat Ke Ham To Sevaadaar Hain.
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