आवा दाई आवा दाई साते बहिनिया

आवा दाई आवा दाई साते बहिनिया

(मुखड़ा)
आवा दाई, आवा दाई,
साते बहिनिया ओ,
साते बहिनिया ओ मैया,
कर लेवा सोलह श्रृंगार,
गोदवा लेवा दाई,
हाथे म गोदना बारंबार।।

(अंतरा)
रतनपुर के महामाई ओ,
रायपुर के बंजारी,
दाई, रायपुर के बंजारी,
मैहर के शारदा भवानी,
कर दे जग उजियारी,
दाई, कर दे जग उजियारी,
हमरो जिनगी के डोंगा,
तहि लगा देना पार,
गोदवा लेवा दाई,
हाथे म गोदना बारंबार।।

चंद्रपुर के चंद्रहासिनी,
डोंगरगढ़ बमलाई,
दाई, डोंगरगढ़ बमलाई,
कोरबा के तै सर्वमंगला,
पीपरा के काली माई,
दाई, पीपरा के काली माई,
अन-धन म भर दे तै मैया,
हमरो गरीब के भंडार,
गोदवा लेवा दाई,
हाथे म गोदना बारंबार।।

(पुनरावृति)
आवा दाई, आवा दाई,
साते बहिनिया ओ,
साते बहिनिया ओ मैया,
कर लेवा सोलह श्रृंगार,
गोदवा लेवा दाई,
हाथे म गोदना बारंबार।।
 


AAWA DAI AAWA DAI // CG JASHGEET NEW // MAHURI SHARMA यह भजन छत्तीसगढ़ और मध्य भारत की श्रद्धा को दर्शाता है, जिसमें भक्त माँ की सात बहनों को आमंत्रित कर सोलह श्रृंगार करने की प्रार्थना करता है। विभिन्न शक्तिपीठों जैसे रतनपुर, रायपुर, मैहर, डोंगरगढ़, और कोरबा की महिमा का गुणगान किया गया है। माँ से भक्त अपने जीवन की नैया पार लगाने, भंडार भरने और दुनिया को उजियारा देने की विनती करता है।

Song - AAWA DAI AAWA DAI
Genre- CHATTISGARHI FOLK
ORIGINAL COMPOSITION
SONG WRITER - ANCHAL SHARMA

Next Post Previous Post