पहले जैसे भक्त नहीं अब पहले जैसे भाव नहीं

पहले जैसे भक्त नहीं अब पहले जैसे भाव नहीं लिरिक्स

जय जय श्याम श्याम,
जय जय श्याम श्याम,
पहले जैसे भक्त नहीं अब,
पहले जैसे भाव नहीं,
करते हैं सब अपना दिखावा,
श्याम से सच्चा लगाव नहीं।

आएगा किस के खातिर ये,
रिश्ता कौन निभाएगा,
आलू सिंह जी श्याम बहादुर,
जैसे कौन रिझायेगा,
श्याम तो सच्चे प्रेमी का है,
दूजा कोई चुनाव नहीं,
पहले जैसे भक्त नहीं अब,
पहले जैसे भाव नहीं,
करते हैं सब अपना दिखावा,
श्याम से सच्चा लगाव नहीं।

लगते थे वो श्याम अखाड़े,
खुद बाबा तू रहता था,
तेरे कीर्तन में भक्तों की पीड़ा,
सारी तू हर लेता था,
लाज बचा के मान बढ़ाया,
भक्तों की डूबी नाँव नहीं,
पहले जैसे भक्त नहीं अब,
पहले जैसे भाव नहीं,
करते हैं सब अपना दिखावा,
श्याम से सच्चा लगाव नहीं।

चमत्कार अब वैसे कहाँ है,
जैसे पहले होते थे,
ठाकुर भी भक्तों के दुःख में,
खुद भी व्याकुल होते थे,
निरे स्वार्थ ने मन घेरा,
बदला ज़माना भाव नहीं,
पहले जैसे भक्त नहीं अब,
पहले जैसे भाव नहीं,
करते हैं सब अपना दिखावा,
श्याम से सच्चा लगाव नहीं।

जय जय श्याम श्याम,
जय जय श्याम श्याम,
पहले जैसे भक्त नहीं अब,
पहले जैसे भाव नहीं,
करते हैं सब अपना दिखावा,
श्याम से सच्चा लगाव नहीं।
 
भजन श्रेणी : खाटू श्याम जी भजन (Khatu Shyam Ji Bhajan)

पहले जैसा भाव नहीं | Khatu Shyam Ji New Song | Naresh Chand Khatri Saawariya

Jay Jay Shyaam Shyaam,
Jay Jay Shyaam Shyaam,
Pahale Jaise Bhakt Nahin Ab,
Pahale Jaise Bhaav Nahin,
Karate Hain Sab Apana Dikhaava,
Shyaam Se Sachcha Lagaav Nahin.

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