सर्वसिद्धि श्री श्याम अर्चना

सर्वसिद्धि श्री श्याम अर्चना लिरिक्स Sarvsidhhi Sri Shyam Archna

श्री श्याम अति आनंद अविरल वृष्टि जन जन पर करे,
जाए ना बरनत का कहुं छवि, दृष्टि  पल पल दुःख हरे।
सिर मोर पंख प्रतीत पावन,भाल शशि जिमि शिव धरे,
सोहे  मुकुट  मणिमय अलंकृत, स्वर्णाभूषित  हिय वरे।
अधरं मधुर मनमोहिनी, माया मनोरथ माया परे,
मनो कामना, मनो वेदना, बाँचत त्वरित फल संचरै।
श्री श्याम अति आनंद अविरल वृष्टि जन जन पर करे,
जाए ना बरनत का कहुं छवि, दृष्टि  पल पल दुःख हरे।
जय श्याम, जय श्याम,
जय श्याम, जय श्याम, जय जय श्याम।

श्रृंगार सुमन सुगंध मन कोऊ, चूक भल ना अवसरे,
गुंजन करे स्तुतिगान रसना, जयति जय जय उच्चरे,
महा मन्त्र जय श्री श्याम जप, हारे को जो विजयी करे,
सौगंध तव प्रताप दिक् विकट खल दल खीरे।
श्री श्याम अति आनंद अविरल वृष्टि जन जन पर करे,
जाए ना बरनत का कहुं छवि, दृष्टि  पल पल दुःख हरे।
जय श्याम, जय श्याम,
जय श्याम, जय श्याम, जय जय श्याम।

हरिहर समाहित तेज मुख मंडल पर दमकत हिय हरे,
कोटिन लजावत काम कामिनी, कामना करि करि मरे,
"लहरी" शरण परिजन सहित, आशीष तव शीश पर धरे,
मति मंद मूढ़ ना जानता कुछ, अवगुणादि अथाह भरे,
श्री श्याम अति आनंद अविरल वृष्टि जन जन पर करे,
जाए ना बरनत का कहुं छवि, दृष्टि  पल पल दुःख हरे।
जय श्याम, जय श्याम,
जय श्याम, जय श्याम, जय जय श्याम।

भजन श्रेणी : खाटू श्याम जी भजन (Khatu Shyam Ji Bhajan)

सर्वसिद्धि श्री श्याम अर्चना | Shri Shyam Archna | Shyam Baba Vandana by Chandra Shekhar Lahari

Shri Shyaam Ati Aanand Aviral Vrshti Jan Jan Par Kare,
Jae Na Baranat Ka Kahun Chhavi, Drshti  Pal Pal Duhkh Hare.
Sir Mor Pankh Pratit Paavan,bhaal Shashi Jimi Shiv Dhare,
Sohe  Mukut  Manimay Alankrt, Svarnaabhushit  Hiy Vare.
Adharan Madhur Manamohini, Maaya Manorath Maaya Pare,
Mano Kaamana, Mano Vedana, Baanchat Tvarit Phal Sancharai.
Shri Shyaam Ati Aanand Aviral Vrshti Jan Jan Par Kare,
Jae Na Baranat Ka Kahun Chhavi, Drshti  Pal Pal Duhkh Hare.
Jay Shyaam, Jay Shyaam,
Jay Shyaam, Jay Shyaam, Jay Jay Shyaam.

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