मैं धनुष-बाण श्री राम से लेकर चक्र कन्हैया

मैं धनुष-बाण श्री राम से लेकर चक्र कन्हैया

मैं धनुष-बाण श्री राम से लेकर चक्र कन्हैया
मैं धनुष-बाण श्री राम से लेकर, चक्र कन्हैया से लूँगा,
अब सीमा पर जाकर, मैं दुश्मन से टक्कर लूँगा।।

पापा हुए शहीद सुना है, चिंता मत करना मम्मी,
मेरे होते किसी बात से, बिल्कुल तू मत डरना कभी मम्मी,
देश के दुश्मन मार के, मैं पापा का बदला ले लूँगा,
अब सीमा पर जाकर, मैं दुश्मन से टक्कर लूँगा।।

पापा ने भारत माँ की सेवा कर, पुण्य कमाया है,
जो कर्जा था सर पर उनके, उसको आज चुकाया है,
मौका मिला तो देश के लिए, मस्तक मैं कटवा दूँगा,
अब सीमा पर जाकर, मैं दुश्मन से टक्कर लूँगा।।

बात आज बजरंगबली से, सपने में कर ली मम्मी,
बजरंगी ने गोठा देने की, हाँ भी कर ली मम्मी,
दुश्मन के सिर गदा से, अब मैं चूर-चूर कर दूँगा माँ,
अब सीमा पर जाकर, मैं दुश्मन से टक्कर लूँगा।।

आज गोलियाँ और राइफल, सुन ले मेरे खिलौने हैं,
सिर पर मेरे हाथ है जिनका, वो तो श्याम सलोने हैं,
पापा ड्यूटी से जब आना, छोटी सी गुड़िया लाना,
ले आना या ना लाना, पर पापा जल्दी घर आना,
पापा, आप हो जान मेरी, जान कहाँ मैं ढूँढूँगा।।

मैं धनुष-बाण श्री राम से लेकर, चक्र कन्हैया से लूँगा,
अब सीमा पर जाकर, मैं दुश्मन से टक्कर लूँगा।।

Krishn nagar Alakhedi me jhulla mahotsav ke jordar program ,jhakiya mithi mithi
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