बजरंग राम जी को, संदेश यही कहना, मुझे राम के बिना नहीं जीना, मुझे राम के बिना नहीं जीना।
अपनी करनी की करनी से, पर घर में आकर के बैठी, पिया वचन मोह बस भूली, छलकर लाया रावण कपटी, लक्ष्मण रेखा कभी ना लाँघो, अपने हाथ जहर नहीं पीना, राम के बिना नहीं जीना, बजरंग राम जी को, संदेश यही कहना, मुझे राम के बिना नहीं जीना, मुझे राम के बिना नहीं जीना।
छल बल से नारी हरे तो, खुद ही खुद का नाशी, मेरी पीड़ वो ही हरेंगे, वो है घट घट वासी, माँ अहिल्या की पीड़ हरी ना, राम के बिना नहीं जीना, बजरंग राम जी को, संदेश यही कहना, मुझे राम के बिना नहीं जीना, मुझे राम के बिना नहीं जीना।
जाओ हनुमत देर करो ना, पल बीते युग के जैसे, छली प्रपंची दानव आकर, चन्द्रहास को खींचें, रामानंदी सियाराम चरण में, राम रसायन पीना, राम के बिना नहीं जीना, बजरंग राम जी को, संदेश यही कहना, मुझे राम के बिना नहीं जीना, मुझे राम के बिना नहीं जीना।