सादा जीवन सुख से जीना

सादा जीवन सुख से जीना

सादा जीवन सुख से जीना, अधिक लड़ाना ना चाहिए,
भजन सार है इस दुनिया में, कभी बिसरना ना चाहिए।

मन में भेदभाव नहीं रखना, कौन पराया कौन अपना,
इश्वर से सच्चा नाता है, और सभी झूठा सपना,
गर्व गुमान कभी ना करना, गर्व रहै ना गले बिना,
कौन यहाँ पर रहा सदा से, कौन रहेगा सदा बना,
सभी भूमि गौपाल लाल की, व्यर्थ झगड़ना ना चाहिए,
भजन सार है इस दुनिया में, कभी बिसरना ना चाहिए ।।

दान, भोग और नाश तीन गती, धन की ना चौथी कोई ।
जतन करंता पच पच मरगा, साथ ले गया ना कोई ।।
इक लख पूत सवा लख नाती, जाणे जग में सब कोई ।
रावण के सोने के लंका, साथ ले गया न वो भी ।
सूक्ष्म खाणा खूब बांटना, भर भर धरना ना चाहिए ।।
भजन सार है इस दुनिया में, कभी बिसरना ना चाहिए ।।

भोग्या भोग घटे ना तृष्णा, भोग भोग फिर क्या करना ।
चित्त में चेतन करे च्यानणों, धन माया का क्या करना ।
धन से भय विपदा नहीं भागे,  झूठा भरम नहीं धरना ।
धनी रहे चाहे हो निर्धन, आखिर है सबको मरना ।।
कर संतोष सुखी हो मरिये, पच पच मरणा ना चाहिए ।।
भजन सार है इस दुनिया में, कभी बिसरना ना चाहिए ।।

सुमिरण करें सदा इश्वर का, साधू का सम्मान करे ।
कम हो तो संतोष करे नर, ज्यादा हो तो दान करे ।
जब जब मिले भाग से जैसा, संतोषी ईमान करे ।
आडा टेढ़ा घणा बखेड़ा, जुल्मी बेईमान करे ।
निर्भय जीणा निर्भय मरणा, शम्भू डरना ना चाहिए ।।
भजन सार है इस दुनिया में, कभी बिसरना ना चाहिए ।।

भजन श्रेणी : आध्यात्मिक भजन (Read More : Devotional Bhajan)

Saadaa jeevan sukh se jeena ( सादा जीवन सुख से जीना ) by Shree Navratan giri ji Maharaj

Saada Jivan Sukh Se Jina, Adhik Ladaana Na Chaahie,
Bhajan Saar Hai Is Duniya Mein, Kabhi Bisarana Na Chaahie.

ऐसे ही अन्य भजन देखने के लिए कृपया होम पेज पर अवश्य विजिट करें।
Next Post Previous Post