चांद सितारों से हम इसकी मांग सजाएंगे

चांद सितारों से हम इसकी मांग सजाएंगे

चाँद सितारों से हम इसकी माँग सजाएँगे,
दुल्हन सा प्यारा देश बनाएँगे।।

दूर उड़ाकर ले जाएँगे, हम पंछी पिंजरा अपना,
पिंजरा अपना, पिंजरा अपना,
जब तक हैं पर साथ हमारे, आज़ादी फिर क्या सपना,
फिर क्या सपना, फिर क्या सपना।।
आ, सौगंध ये ले, आ, सौगंध ये ले,
माँगी हुई रिहाई से तो, प्राण गँवाएँगे,
दुल्हन सा प्यारा देश बनाएँगे।।

जिन बागों की कलियों के, होठों पर हों ग़म के साए,
ग़म के साए, ग़म के साए,
पतझड़ की तानाशाही से, फूल ना जिससे खिल पाए,
ना खिल पाए, ना खिल पाए।।
आ, सौगंध ये ले, आ, सौगंध ये ले,
फसलें बहारें बनकर तुमको, हम दिखलाएँगे,
दुल्हन सा प्यारा देश बनाएँगे।।


Group song (desh bhakti) Chand sitaro se ham
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