श्री कुबेर चालीसा लिरिक्स फायदे पूजा Kuber Chalisa Lyrics Benefits pdf, Shri Kuber Chalisa Download pdf, Benefits of Kuber Puja/Chalisa/Aarti in Hindi
देवता कुबेर धन के देवता हैं। धनतेरस के दिन माता लक्ष्मी के साथ ही देवता
कुबेर की पूजा भी की जाती है। कुबेर देव की पूजा करने से धन- धान्य के
भंडार भर जाते हैं। घर परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है। ऐसा माना
जाता है कुबेर देवता की पूजा करने से आर्थिक समस्याएं नहीं होती हैं। हमेशा
घर खजाने से भरा रहता है। कुबेर देवता की पूजा करने से घर में मां लक्ष्मी
का वास होता है। कुबेर चालीसा का पाठ करने से आर्थिक समृद्धि के साथ-साथ
समाज में प्रतिष्ठा भी प्राप्त होती है।
कुबेर चालीसा लिरिक्स इन हिंदी Kuber Chalisa Lyrics Hindi
दोहाजैसे अटल हिमालय और जैसे अडिग सुमेर,
ऐसे ही स्वर्ग द्वार पै,अविचल खड़े कुबेर।
विघ्न हरण मंगल करण,सुनो शरणागत की टेर,
भक्त हेतु वितरण करो, धन माया के ढ़ेर।
जै जै जै श्री कुबेर भण्डारी,
धन माया के तुम अधिकारी।
तप तेज पुंज निर्भय भय हारी,
पवन वेग सम सम तनु बलधारी।
स्वर्ग द्वार की करें पहरे दारी,
सेवक इंद्र देव के आज्ञाकारी।
यक्ष यक्षणी की है सेना भारी,
सेनापति बने युद्ध में धनुधारी।
महा योद्धा बन शस्त्र धारे,
युद्ध करैं शत्रु को मारे।
सदा विजयी कभी ना हारे,
भगत जनों के संकट टारे।
प्रपितामह हैं स्वयं विधाता,
पुलिस्ता वंश के जन्म विख्याता।
विश्रवा पिता इडविडा जी माता,
विभीषण भगत आपके भ्राता।
शिव चरणों में जब ध्यान लगाया,
घोर तपस्या करी तन को सुखाया।
शिव वरदान मिले देवत्य पाया,
अमृत पान करी अमर हुई काया।
धर्म ध्वजा सदा लिए हाथ में,
देवी देवता सब फिरे साथ में।
पीताम्बर वस्त्र पहने गात में,
बल शक्ति पूरी यक्ष जात में।
स्वर्ण सिंहासन आप विराजे,
त्रिशूल गदा हाथ में साजे।
शंख मृदंग नगारे बाजे,
गंधर्व राग मधुर स्वर गाजे।
चौंसठ योगनी मंगल गावैं,
ऋद्धि सिद्धि नित भोग लगावैं।
दास दासनी सिर छत्र फिरावे,
यक्ष यक्षणी मिल चंवर ढूलावे।
ऋषियों में जैसे परशुराम बली हैं,
देवन्ह में जैसे हनुमान बली हैं।
पुरुषों में जैसे भीम बली हैं,
यक्षों में ऐसे ही कुबेर बली हैं।
भगतों में जैसे प्रहलाद बड़े हैं,
पक्षियों में जैसे गरुड़ बड़े हैं।
नागों में जैसे शेष बड़े हैं,
वैसे ही भगत कुबेर बड़े हैं।
कांधे धनुष हाथ में भाला,
गले फूलों की पहनी माला।
स्वर्ण मुकुट अरु देह विशाला,
दूर दूर तक होए उजाला।
कुबेर देव को जो मन में धारे,
सदा विजय हो कभी न हारे।
बिगड़े काम बन जाएं सारे,
अन्न धन के रहें भरे भण्डारे।
कुबेर गरीब को आप उबारें,
कुबेर कर्ज को शीघ्र उतारें।
कुबेर भगत के संकट टारे,
कुबेर शत्रु को क्षण में मारे।
शीघ्र धनी जो होना चाहे,
क्युं नहीं यक्ष कुबेर मनाएं।
यह पाठ जो पढ़े पढ़ाएं,
दिन दुगना व्यापार बढ़ाएं।
भूत प्रेत को कुबेर भगावे,
अड़े काम को कुबेर बनावे।
रोग शोक को कुबेर नशावे,
कलंक कोढ़ को कुबेर हटावे।
कुबेर चढ़े को और चढ़ादे,
कुबेर गिरे को पुन: उठा दे।
कुबेर भाग्य को तुरंत जगा दे,
कुबेर भूले को राह बता दे।
प्यासे की प्यास कुबेर बुझा दे,
भूखे की भूख कुबेर मिटा दे।
रोगी का रोग कुबेर घटा दे,
दुखिया का दुख कुबेर छुटा दे।
बांझ की गोद कुबेर भरा दे,
कारोबार को कुबेर बढ़ा दे।
कारागार से कुबेर छुड़ा दे,
चोर ठगों से कुबेर बचा दे।
कोर्ट केस में कुबेर जितावे,
जो कुबेर को मन में ध्यावे।
चुनाव में जीत कुबेर करावे,
मंत्री पद पर कुबेर बिठावे।
पाठ करे जो नित मन लाई,
उसकी कला हो सदा सवाई।
जिसपे प्रसन्न कुबेर की माई,
उसका जीवन चले सुखदाई।
जो कुबेर का पाठ करावे,
उसका बेड़ा पार लगावे।
उजड़े घर को पुन: बसावे,
शत्रु को भी मित्र बनावे।
सहस्त्र पुस्तक जो दान कराई,
सब सुख भोद पदार्थ पाई।
प्राण त्याग कर स्वर्ग में जाई,
मानस परिवार कुबेर कीर्ति गाई।
दोहा
शिव भक्तों में अग्रणी, श्री यक्षराज कुबेर,
हृदय में ज्ञान प्रकाश भर, कर दो दूर अंधेर।
कर दो दूर अंधेर अब, जरा करो ना देर,
शरण पड़ा हूं आपकी, दया की दृष्टि फेर।
चौपाई
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करो चालीस,
तुम मेरी मनोकामना, पूर्ण करो जगदीश।
मगसर छठि हेमन्त ॠतु, संवत चौसठ जान,
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण।।
कुबेर जी की आरती / श्री कुबेर आरती लिरिक्स Kuber Aarti Lyrics in Hindi
ॐ जय यक्ष कुबेर हरे, स्वामी जय यक्ष कुबेर हरे,शरण पड़े भगतों के, भण्डार कुबेर भरे।
ॐ जय यक्ष कुबेर हरे..।
शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े, स्वामी भक्त कुबेर बड़े,
दैत्य दानव मानव से, कई-कई युद्ध लड़े।
ॐ जय यक्ष कुबेर हरे..।
स्वर्ण सिंहासन बैठे,सिर पर छत्र फिरे,
स्वामी सिर पर छत्र फिरे,
योगिनी मंगल गावैं,सब जय जय कार करें।
ॐ जय यक्ष कुबेर हरे..।
गदा त्रिशूल हाथ में, शस्त्र बहुत धरे,
स्वामी शस्त्र बहुत धरे,
दुख भय संकट मोचन, धनुष टंकार करें।
ॐ जय यक्ष कुबेर हरे...।
भांति भांति के व्यंजन बहुत बने, स्वामी व्यंजन बहुत बने।
मोहन भोग लगावैं, साथ में उड़द चने,
ॐ जय यक्ष कुबेर हरे..।
बल बुद्धि विद्या दाता, हम तेरी शरण पड़े,
स्वामी हम तेरी शरण पड़े,
अपने भक्त जनों के, सारे काम संवारे।
ॐ जय यक्ष कुबेर हरे..।
मुकुट मणी की शोभा, मोतियन हार गले,
स्वामी मोतियन हार गले,
अगर कपूर की बाती,घी की जोत जले।
ॐ जय यक्ष कुबेर हरे...।
यक्ष कुबेर जी की आरती, जो कोई नर गावे,
स्वामी जो कोई नर गावे।
कहत प्रेमपाल स्वामी, मनवांछित फल पावे।
इति श्री कुबेर आरती
कुबेर जी का प्रभावशाली मंत्र Shri Kuber Mantra
कुबेर जी का मंत्र 108 बार मोती या तुलसी की माला से करना अत्यंत ही फलदायक है। इस मंत्र का जाप करने से धन-धान्य की प्रचुरता रहती है। घर में कभी भी धन की कमी नहीं होती है। आर्थिक समस्याएं समाप्त होकर समृद्धि में बदल जाती हैं। धन के साथ ही मान सम्मान की भी प्राप्ति होती है।ऊं श्रीं ऊं ह्रीं श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः।
कुबेर चालीसा पाठ के फायदे/ Kuber Chalisa Ke Fayade (Benefits of Kuber Puja/Chalisa/Aarti)
- कुबेर चालीसा के पाठ से घर में आर्थिक संपन्नता आती है।
- घर में सुख संपत्ति बढ़ाने के लिए कुबेर चालीसा का पाठ अतिथि फलदाई है।
- रोग दोषों से मुक्ति प्राप्त करने के लिए कुबेर चालीसा का पाठ करें।
- कुबेर जी को सभी देवी देवताओं का आर्थिक सलाहकार माना गया है, इसलिए इनकी पूजा करने से आर्थिक समस्याएं समाप्त होती हैं।
- धन के खजाने को भरने के लिए कुबेर चालीसा का पाठ करना चाहिए।
- बल और बुद्धि प्राप्त करने के लिए भी कुबेर चालीसा का पाठ करना चाहिए।
- बिगड़े काम बनाने के लिए भी कुबेर चालीसा का पाठ किया जाता है।
- गरीब अपने गरीबी दूर करने के लिए कुबेर चालीसा का पाठ करतें हैं।
- कुबेर चालीसा का पाठ करने से शत्रुओं का नाश होता है।
- कुबेर चालीसा का नित्य पाठ करने से सुखी और स्वस्थ जीवन की प्राप्ति होती है।
- कुबेर चालीसा का पाठ जीवन की सभी समस्याओं को समाप्त कर देता है।
- आर्थिक संपन्नता के साथ घर में सुख और सौहार्द का वातावरण बनाये रखने के लिए कुबेर चालीसा पाठ करना अच्छा रहता है।
- कुबेर चालीसा पाठ करने से से मां लक्ष्मी जी की कृपा प्राप्त होती है।
- कुबेर चालीसा का पाठ करने से मन में स्थिरता और एकाग्रता आती है।
- जैसे हिमालय अपने जगह पर स्थिर है, अटल है, वैसे ही कुबेर जी भी स्वर्ग के द्वार पर अटल हैं। इसलिए इनकी पूजा करने से मां लक्ष्मी स्थिरता प्रदान करती हैं और धन की कमी नहीं होती है।
- कुबेर चालीसा का पाठ करने से घर में मंगल कार्य होते हैं।
- कुबेर देवता अपनी शरण में आए हुए भक्तों को सभी सुखों का वरदान देते हैं।
- कुबेर चालीसा का पाठ करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
भजन श्रेणी : विविध भजन/ सोंग लिरिक्स हिंदी Bhajan/ Song Lyrics
प्रसिद्ध Kuber Bhajan भजन है, जिसे यूट्यूब/लिरिक्सपण्डिटस पर बहुत से लोगों के द्वारा पसंद किया जा रहा है। इस भजन को आप अवश्य ही सुने, लाइक और कमेंट करें। ऐसे ही भजन सुनने के लिए आप चैनल को सब्सक्राइब अवश्य करे और लिरिक्स पंडिट्स पर विजिट करते रहें ।श्री कुबेर हिंदू धर्म में धन के देवता हैं। वे यक्षों के राजा भी हैं। उन्हें उत्तर दिशा का दिक्पाल भी माना जाता है। कुबेर का जन्म महर्षि विश्रवा और देववर्णिनी के घर हुआ था। उनके तीन भाई थे: रावण, कुंभकर्ण और विभीषण। रावण असुरों का राजा था, जबकि कुंभकर्ण और विभीषण रामायण के पात्र थे।
कुबेर को एक धनी और उदार देवता माना जाता है। उन्हें अक्सर एक मोटे आदमी के रूप में चित्रित किया जाता है, जिसके पास एक सुंदर हार और एक कटार होती है। कुबेर की पूजा अक्सर धन और समृद्धि प्राप्त करने के लिए की जाती है। लोग अक्सर उनके मंदिरों में जाते हैं और उनके मंत्रों का जाप करते हैं।
कुबेर के कुछ प्रमुख मंत्र हैं:
ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये, धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः॥
ॐ नमः श्रीं महालक्ष्मी विष्णुप्रियायै, कुबेराय धनदायकाय नमः॥
कुबेर की पूजा अक्सर दिवाली के त्योहार के दौरान की जाती है। इस दिन लोग अपने घरों को साफ करते हैं और कुबेर की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करते हैं। वे कुबेर के मंत्रों का जाप करते हैं और कुबेर को प्रसन्न करने के लिए प्रार्थना करते हैं। कुबेर की पूजा भारत के कई हिस्सों में की जाती है। वे एक लोकप्रिय देवता हैं और उन्हें अक्सर धन और समृद्धि के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।
कुबेर को एक धनी और उदार देवता माना जाता है। उन्हें अक्सर एक मोटे आदमी के रूप में चित्रित किया जाता है, जिसके पास एक सुंदर हार और एक कटार होती है। कुबेर की पूजा अक्सर धन और समृद्धि प्राप्त करने के लिए की जाती है। लोग अक्सर उनके मंदिरों में जाते हैं और उनके मंत्रों का जाप करते हैं।
कुबेर के कुछ प्रमुख मंत्र हैं:
ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये, धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः॥
ॐ नमः श्रीं महालक्ष्मी विष्णुप्रियायै, कुबेराय धनदायकाय नमः॥
कुबेर की पूजा अक्सर दिवाली के त्योहार के दौरान की जाती है। इस दिन लोग अपने घरों को साफ करते हैं और कुबेर की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करते हैं। वे कुबेर के मंत्रों का जाप करते हैं और कुबेर को प्रसन्न करने के लिए प्रार्थना करते हैं। कुबेर की पूजा भारत के कई हिस्सों में की जाती है। वे एक लोकप्रिय देवता हैं और उन्हें अक्सर धन और समृद्धि के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।