तेरा मुखड़ा तक तक साईंया लख लख शुक्र

तेरा मुखड़ा तक तक साईंया लख लख शुक्र मनावागी

गल सुन मेहरा वाले साईंया,
प्रीता नाल तेरे मैं लाईया,
कसमा जन्म जन्म लई खाईया,
लगियां तोड़ निभावागी।
तेरा मुखड़ा तक तक साईंया,
लख लख शुक्र मनावागी।

दिल विच तेरा नूर समाया,
अखियाँ विच मूरत तेरी।
हर पासे दिसदी है मेनू,
चन वर्गी सूरत तेरी।
ना कोई चंगा ना कोई मंदा,
हर बंदा साईं दा बंदा।
इज्जत मान मैं देके सब नु,
शीश झुकावागी।
तेरा मुखड़ा तक तक साईंया,
लख लख शुक्र मनावागी।

जद जद भी तेनु तका मैं,
रब दे दर्शन हुंदै ने।
कखा वर्गे कर्म मेरे,
लखा दे नाल खलोंदे ने।
डूबदी डूबदी पार उतर गई,
तेरा पल्ला फड़ के तर गई।
उचेया शाना वालेया,
नीवी बन इतरावागी।
तेरा मुखड़ा तक तक साईंया,
लख लख शुक्र मनावागी।

तू मेरा मैं तेरी होगी,
जन्म जन्म लई वे साईंया।
एह दुनिया की जाने,
साडे प्रेम प्यार दी गहराईया।
साहिल हो गई बल्ले बल्ले,
रब ने किते कम सवले।
हर इक सास ते साईंया,
तेरा ना लिखवागी।
तेरा मुखड़ा तक तक साईंया,
लख लख शुक्र मनावागी।


दिल खुश हो गया साईनाथ के इस भजन को सुनकर - Sai Bhajan - Sai Ke Gane - Gal Sun Mehra #Sai_Meri_Bhakti

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About Bhajan -

Video Name - Gal Sun Mehra
Lyrics - Ranjeet Raja
Music Director - Ranjeet Raja
Mix & Master - Sonu Koli Paras
 
साईं के प्रति भक्त का अटूट प्रेम और उनकी भक्ति में डूबने की तीव्र भावना हृदय को प्रभु की कृपा और प्रेम से परिपूर्ण करती है। यह भाव उस गहरे समर्पण को दर्शाता है, जिसमें भक्त साईं के प्रेम में डूबकर जन्म-जन्म की कसमों को निभाने का संकल्प लेता है। साईं का नूर भक्त के दिल और आँखों में बसता है, जिससे वह हर जगह उनकी मूरत और चाँद-सी सूरत को देखता है। यह भक्ति भक्त को सिखाती है कि साईं का हर बन्दा बराबर है, और सभी के प्रति प्रेम और सम्मान के साथ जीना ही सच्ची भक्ति है। साईं की कृपा से भक्त का जीवन शांति और आनंद से भर जाता है, और वह हर पल उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता है, यह जानते हुए कि उनकी नजर ही उसे हर कठिनाई से पार कराती है।

साईं का प्रेम और उनकी उपस्थिति भक्त के लिए एक ऐसा आधार है, जो उसे सांसारिक माया से ऊपर उठाकर प्रभु के दर्शन की अनुभूति कराता है। यह भाव उस अटल विश्वास को व्यक्त करता है कि साईं की कृपा से भक्त की डूबती नैया पार हो जाती है, और वह उनके पल्लू को थामकर जीवन की हर ऊँच-नीच को पार कर लेता है। साईं के साथ यह प्रेममयी रिश्ता इतना गहरा है कि भक्त हर साँस में उनका नाम लिखता है और उनकी भक्ति में लीन होकर जीवन को एक उत्सव की तरह जीता है। साईं की कृपा और प्रेम की गहराई भक्त को यह अहसास दिलाती है कि वह सदा उनके साथ है, और यह प्रेम ही उसके जीवन का असली साहिल और सुख है। हर पल साईं का मुखड़ा देखकर और उनकी महिमा गाकर भक्त का मन लाखों बार शुक्रिया अदा करता है। 

Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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