लंकापति रावण पिया चुराई तूने हरि की सिया
लंकापति रावण पिया,
चुराई तूने हरि की सिया,
हाय हाय तूने यह क्या किया,
चुराई तूने हरि की सिया,
लंकापति रावण पिया,
चुराई तूने हरि की सिया।
जिस दिन से तुम सीता लाए,
काले बादल लंका पर छाए,
मेरा उस दिन से धड़के जिया,
चुराई तूने हरि की सिया,
लंकापति रावण पिया,
चुराई तूने हरि की सिया।
मामा मारीच का लिया सहारा,
जोगी का तूने भेष बनाया,
जग जननी को धोखा दिया,
चुराई तूने हरि की सिया,
लंकापति रावण पिया,
चुराई तूने हरि की सिया।
लौटा दो तुम जनक दुलारी,
इतनी मानो बात हमारी,
तूने जन्मों का बदला लिया,
चुराई तूने हरि की सिया,
लंकापति रावण पिया,
चुराई तूने हरि की सिया।
भजन श्रेणी : राम भजन (Ram Bhajan)
।। लंकापति रावण पिया चुराई तूने हर की सिया।। LANKAPATI RAWAN PIYA CHURAYI TUNE HAR KI SIYA ।।
Lankapati Ravan Piya,
Churai Tune Hari Ki Siya,
Hay Hay Tune Yah Kya Kiya,
Churai Tune Hari Ki Siya,
Lankapati Ravan Piya,
Churai Tune Hari Ki Siya.