बड़ए बगड़तै सती राणी नीसरी भर गोबर की हेल

बड़ए बगड़तै सती राणी नीसरी भर गोबर की हेल

बड़ै बगड़तै सती राणी,
नीसरी भर गोबर की हेल।
गोबर छिड़का भोली राणी,
भोंपड़ी धरती में हुआए लिपाव।

बड़ै बगड़तै सती राणी,
नीसरी भर गीव्हां की हेल।
गीव्हां छिड़का भोली राणी,
भोंपड़ी धरती में राख्यो ए बीज।

बड़ै बगड़तै सती राणी,
नीसरी भर लोटा जल नीर।
गड़वा तो छिटका भोली राणी,
भोंपड़ी धरती हुआए सिलाव।



राणी सती माता कौन है रानी सती माता की असली सच्ची कहानी झुंझनु मंदिर की जानकारी Rani sati

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मन खोल के मांगो नन्दी लेना हो सो लेय
मन खोल के मांगो नन्दी लेना हो सो लेय
जेवर मत मांगो नन्दी डिब्बों का सिंगार
जेवर में से आरसी दूंगी छलला लूंगी निकाल
मन खोल के मांगो...
तीयल मत मांगे नन्दी बुगचे का सिंगार
कपड़े में मैं अंगिया दूंगी मुलकत लूंगी निकाल
मन खोल के मांगो...
बर्तन मत मांगो नन्दी चौके का सिंगार
बर्तन में मैं कटोरा दूंगी तल्ला लेऊं निकाल

मन्नै भावें कराले के बेर रुपये सेर, मेरा री मन बेरां नै
मन्नै भावें कराले के बेर रुपये सेर, मेरा री मन बेरां नै।
मन्नै सुसरा घाल्या री लेण ने, वोह तो चौधर आया जितवाए,
कराले के बाग में।
मन्नै जेठा घाल्या री लेण ने, वोह् तो घोड़ी आया जितवाए,
कराले के बाग में।
मन्नै देवर घाल्या री लेण ने, वोह तो खुलिया आया जितवाए,
कराले के बाग में।
मन्नै कन्ता घाल्या री लेण ने, वोह् तो गोरी आय जितवाए,
कराले के बाग में।
मन्नै भावें कराले के बेर रुपये के सेर, मेरा री मन बरां नै।
 
Saroj Jangir Author Admin - Saroj Jangir

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