बड़ए बगड़तै सती राणी नीसरी भर गोबर की हेल
बड़ए बगड़तै सती राणी नीसरी भर गोबर की हेल
बड़ै बगड़तै सती राणी,
नीसरी भर गोबर की हेल।
गोबर छिड़का भोली राणी,
भोंपड़ी धरती में हुआए लिपाव।
बड़ै बगड़तै सती राणी,
नीसरी भर गीव्हां की हेल।
गीव्हां छिड़का भोली राणी,
भोंपड़ी धरती में राख्यो ए बीज।
बड़ै बगड़तै सती राणी,
नीसरी भर लोटा जल नीर।
गड़वा तो छिटका भोली राणी,
भोंपड़ी धरती हुआए सिलाव।
नीसरी भर गोबर की हेल।
गोबर छिड़का भोली राणी,
भोंपड़ी धरती में हुआए लिपाव।
बड़ै बगड़तै सती राणी,
नीसरी भर गीव्हां की हेल।
गीव्हां छिड़का भोली राणी,
भोंपड़ी धरती में राख्यो ए बीज।
बड़ै बगड़तै सती राणी,
नीसरी भर लोटा जल नीर।
गड़वा तो छिटका भोली राणी,
भोंपड़ी धरती हुआए सिलाव।
राणी सती माता कौन है रानी सती माता की असली सच्ची कहानी झुंझनु मंदिर की जानकारी Rani sati
ऐसे ही अन्य हरियाणवी सोंग्स के Hariyanavi Folk Songs लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार सोंग्स को ढूंढें.
पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।
ऐसे ही अन्य हरियाणवी सोंग्स के Hariyanavi Folk Songs लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार सोंग्स को ढूंढें.
पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।
मन खोल के मांगो नन्दी लेना हो सो लेय
मन खोल के मांगो नन्दी लेना हो सो लेय
जेवर मत मांगो नन्दी डिब्बों का सिंगार
जेवर में से आरसी दूंगी छलला लूंगी निकाल
मन खोल के मांगो...
तीयल मत मांगे नन्दी बुगचे का सिंगार
कपड़े में मैं अंगिया दूंगी मुलकत लूंगी निकाल
मन खोल के मांगो...
बर्तन मत मांगो नन्दी चौके का सिंगार
बर्तन में मैं कटोरा दूंगी तल्ला लेऊं निकाल
मन्नै भावें कराले के बेर रुपये सेर, मेरा री मन बेरां नै
मन्नै भावें कराले के बेर रुपये सेर, मेरा री मन बेरां नै।
मन्नै सुसरा घाल्या री लेण ने, वोह तो चौधर आया जितवाए,
कराले के बाग में।
मन्नै जेठा घाल्या री लेण ने, वोह् तो घोड़ी आया जितवाए,
कराले के बाग में।
मन्नै देवर घाल्या री लेण ने, वोह तो खुलिया आया जितवाए,
कराले के बाग में।
मन्नै कन्ता घाल्या री लेण ने, वोह् तो गोरी आय जितवाए,
कराले के बाग में।
मन्नै भावें कराले के बेर रुपये के सेर, मेरा री मन बरां नै।
मन खोल के मांगो नन्दी लेना हो सो लेय
जेवर मत मांगो नन्दी डिब्बों का सिंगार
जेवर में से आरसी दूंगी छलला लूंगी निकाल
मन खोल के मांगो...
तीयल मत मांगे नन्दी बुगचे का सिंगार
कपड़े में मैं अंगिया दूंगी मुलकत लूंगी निकाल
मन खोल के मांगो...
बर्तन मत मांगो नन्दी चौके का सिंगार
बर्तन में मैं कटोरा दूंगी तल्ला लेऊं निकाल
मन्नै भावें कराले के बेर रुपये सेर, मेरा री मन बेरां नै
मन्नै भावें कराले के बेर रुपये सेर, मेरा री मन बेरां नै।
मन्नै सुसरा घाल्या री लेण ने, वोह तो चौधर आया जितवाए,
कराले के बाग में।
मन्नै जेठा घाल्या री लेण ने, वोह् तो घोड़ी आया जितवाए,
कराले के बाग में।
मन्नै देवर घाल्या री लेण ने, वोह तो खुलिया आया जितवाए,
कराले के बाग में।
मन्नै कन्ता घाल्या री लेण ने, वोह् तो गोरी आय जितवाए,
कराले के बाग में।
मन्नै भावें कराले के बेर रुपये के सेर, मेरा री मन बरां नै।
हरियाणवी भाषा के ट्रेंडिंग सोंग भी देखिये
|
Admin - Saroj Jangir
इस ब्लॉग पर आप पायेंगे मधुर और सुन्दर,हरियाणवी सोंग्स गढ़वाली सोंग्स लिरिक्स, आध्यात्मिक भजन, गुरु भजन, सतगुरु भजन का संग्रह। इस ब्लॉग का उद्देश्य आपको सुन्दर भजनों के बोल उपलब्ध करवाना है। आप इस ब्लॉग पर अपने पसंद के गायक और भजन केटेगरी के भजन खोज सकते हैं....अधिक पढ़ें। |
