कित तै आये अर्जन पांडे

कित तै आये अर्जन पांडे

कित तै आये अर्जन पांडे? कित तै आये हनुमान,
हनुमान पियारे।
आगम तै आये अर्जन पांडे, पाछम तै आये हनुमान।।

ये किन जाये अर्जन पांडे? ये किन जाये हनुमान?
कुन्ती ने जाये अर्जन पांडे, अंजनी ने जाये हनुमान।।

कित उतरैंगे अर्जन पांडे? कित उतरैंगे हनुमान?
समुंदर उतरै अर्जन पांडे, मंदर में उतरै हनुमान।।

कित बैठैंगे अर्जन पांडे? कित बैठैंगे हनुमान?
चन्दन चौकी अर्जन पांडे, लाल पिलंग हनुमान।।

के पहरैंगे अर्जन पांडे? के पहरैंगे हनुमान?
चोला बस्तर अर्जन पांडे, लाल लंगोटा हनुमान।।

के जीमेंगे अर्जन पांडे? के जीमेंगे हनुमान?
बूरा-चावल अर्जन पांडे, सरस मलीदा हनुमान।।

कद सुमरैंगे अर्जन पांडे? कद सुमरैंगे हनुमान?
सुख में सुमरै अर्जन पांडे, भीड़ पड़ी पै हनुमान।।

या किन तोड़ी लाल पिलंगिया? या किन तोड़ी गढ़ लंक?
अर्जन तोड़ी लाल पिलंगिया, हनु तोड़ी गढ़ लंक।।

जैसे कारज राजा रामचन्दर के सारे,
वैसे हमारे (दादा / ताऊ / पिता का नाम) के सारे।।



Ratijga _k_Geet रातिजगा का हनुमान जी का बड़ा भजन किसके जाये अर्जुन पांडे.. . सुशीला शर्मा!!

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अर्जुन पांडे आगम से आते हैं और कुंती के पुत्र हैं, जबकि हनुमानजी पाछम से आते हैं और अंजनी के लाल हैं। ये उनके अलग-अलग मूल और मातृ-शक्ति को दिखाता है। अर्जुन समंदर पार करते हैं, तो हनुमानजी मंदर पर्वत पर उतरते हैं, जो उनकी यात्रा और मंजिल की विशालता को बताता है। 

चंदन की चौकी पर अर्जुन बैठते हैं, तो हनुमानजी लाल पीलंग पर। अर्जुन चोला-बस्तर पहनते हैं, और हनुमानजी लाल लंगोटा। ये उनके व्यक्तित्व की सादगी और भव्यता को जाहिर करता है। खान-पान में भी अर्जुन को बूरा-चावल और हनुमानजी को सरस मलीदा पसंद है, जो उनकी अपनी-अपनी पसंद और सरलता को दिखाता है। 
 
Saroj Jangir Author Admin - Saroj Jangir

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