मेरी भी अरज सुनले दुनिया भजन

मेरी भी अरज सुनले दुनिया की सुनने वाली भजन

(मुखड़ा)
मेरी भी अरज सुन ले,
दुनिया की सुनने वाली,
तेरे दर पे आ गई हूँ,
जाऊँ ना हाथ खाली,
मेरी भी अरज सुन ले,
दुनिया की सुनने वाली।।

(अंतरा)
दौलत न माल दे माँ,
कोहिनूर न लाल दे माँ,
चरणों का फूल मेरी,
झोली में डाल दे माँ,
मेरी भी लाज रख ले,
मेरी भी लाज रख ले,
दुनिया की रखने वाली,
मेरी भी अरज सुन ले,
दुनिया की सुनने वाली।।

हम तेरा नाम लेकर,
बढ़ते ही जा रहे हैं,
हमको मिटाने वाले,
खुद मुँह की खा रहे हैं,
हरदम है साथ मेरे,
हरदम है साथ मेरे,
मेरी मैया शेरावाली,
मेरी भी अरज सुन ले,
दुनिया की सुनने वाली।।

दुनिया की ठोकरें अब,
खाना नहीं गवारा,
चौखट पे तेरी मेरा,
होता रहे गुजारा,
एक मैं ही क्या, ये दुनिया,
एक मैं ही क्या, ये दुनिया,
तेरे दर की है सवालिनी,
मेरी भी अरज सुन ले,
दुनिया की सुनने वाली।।

(अंतिम पुनरावृत्ति)
मेरी भी अरज सुन ले,
दुनिया की सुनने वाली,
तेरे दर पे आ गई हूँ,
जाऊँ ना हाथ खाली,
मेरी भी अरज सुन ले,
दुनिया की सुनने वाली।।
 


मां मेरी अरज सुनले ( कव्वाली ) ! Maa Meri Araj Sunle ! Shahnaaz Akhtar ! शहनाज़ अख़्तर !
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