श्याम चौरासी लिरिक्स Shri Shyam Chourasi

श्याम चौरासी लिरिक्स Shri Shyam Chourasi Lyrics, Khatu Shyam Ji Bhajan by Sapna Vishwakarma 97113 09449

नाग सुता श्याम को,
सुमिरूँ बारम्बार,
खाटू वाले श्याम जी,
सब जग के दातार,
काव्य कला जानूं नहीं,
अहम निपट अज्ञान,
ज्ञान ध्यान मोहे दीजिये,
आकर कृपा निधान। 
 
श्याम चौरासी लिरिक्स Shri Shyam Chourasi Lyrics


मेहर करो जन के सुखराशि,
सांवल शाह खाटू के वासी,
प्रथम शीश चरणों में नाउँ,
कृपा दृष्टि रावरी चाहीं,

माफ़ सभी अपराध कराऊँ,
आदि कथा सुछन्द रच गाउँ,
भक्त सुजन सुनकर हरसासी,
सांवल शाह खाटू के वासी,
कुरु पांडव में विरोध जब छाया,
समर महाभारत रचवाया,
बली एक बर्बरीक आया,
तीन सुबाण साथ में लाया।

यह लखि हरी को आई हाँसी,
सांवल शाह खाटू के वासी,
मधुर वचन तब कृष्ण सुनाये,
समर भूमि के ही कारण आए,
तीन बाण धनु कंध सुहाए,
अजब अनोखा रूप बनाये।
बाण अपार वीर सब ल्यासी,
सांवल शाह खाटू के वासी।

बबरीक इतने दल माहीं,
तीन बाण की गिनती नाहीं,
योधा एक से एक निराले,
वीर बहादुर अति मतवाले,
समर सभी मिल कठिन मचासी,
सांवल शाह खाटू के वासी,
बर्बरीक मम कहना मानों,
समर भूमि तुम खेल ना जानों।

द्रोण गुरुं कृपा आदि जुझारां,
जिनसे पारथ का मन हारा,
तू क्या पेस इन्ही से पासी,
सांवल शाह खाटू के वासी,
बर्बरीक हरी से यूँ कहता,
समर देखना मैं हूँ चाहता,
कौन बलि रणशूर निहारूं,
वीर बहादुर कौन जुझारू। 
 
सत्य कहूँ हरी झूठ ना जानों,
दोनों दल एक तरफ हो मानों,
एक बाण दोनों दल खपासी,
सांवल शाह खाटू के वासी,
बर्बरीक से हरी फ़रमावे,
तेरी बात समझ नहीं आवे,
प्राण बचाओ तुम घर जाओ,
क्यों नादानपना दिखलाओ। 
 
तेरी जान मुफ्त में जासी,
सांवल शाह खाटू के वासी,
गर विश्वास ना तुम्हे मुरारी,
तो कर लीजे जांच हमारी,
यह सुन कृष्ण बहुत हर्षाए,
बर्बरीक से वचन सुनाए,
मैं अब लेहुँ परीक्षा खासी,
सांवल शाह खाटू के वासी। 

पात विटप के सभी निहारों,
बेध एक शर से डारो,
कह इतना एक पात मुरारी,
दबा लिया पद तले करारी,
अजब रची माया अविनाशी,
सांवल शाह खाटू के वासी,
बर्बरीक धनु बाण चढ़ाया,
जानी जाय ना हरी के माया।
 
विटप निहार बलि मुस्काया,
अजित अमर अहिलावती जाय,
बलि सुमिर शिव बाण चालीसा,
सांवल शाह खाटू के वासी,
बाण बलि ने अजब चलाया,
पत्ते बेध विटप के आया,
गिरा कृष्ण के चरणों माहीं,
बींधा पात हरी हरण हटाहि।  
 
इससे फ़तेह कौन किमी पासी,
सांवल शाह खाटू के वासी,
कृष्ण बलि कहे बताओ,
किस दल की तुम जीत कराओ,
बलि हार का दल बतलाया,
यह सुन कृष्ण सनाका खाया,
विजय किस विध पारथ पासी,
सांवल शाह खाटू के वासी।  
 
छल करना तब कृष्ण विचारा,
बलि से बोले नन्द कुमारा,
ना जानें क्या ज्ञान तुम्हारा,
कहना मानों बलि हमारा,
हो इक तरफ़ नाम पा जासी,
सांवल शाह खाटू के वासी,
कहे बर्बरीक कृष्ण हमारा,
टूट ना सकता ये प्रण करारा।  
 
माँगे दान उसे मैं देता,
हारा देख सहारा देता,
सत्य कहूं ना झूठ जरा सी,
सांवल शाह खाटू के वासी,
बेशक वीर बहादुर तुम हो,
जंचते दानी हमें ना तुम हो,
कहे बर्बरीक हरी बतलाओ,
तुमको चाहिए क्या बतलाओ।  
 
जो माँगे सो हम से पासी,
सांवल शाह खाटू के वासी,
बलि अगर तुम सच्चे दानी,
तो मैं तुमसे कहूं बखानी,
समर भूमि बलि देने ख़ातिर,
शीश चाहिए एक बहादुर,
शीश दान दे नाम कमा सी,
सांवल शाह खाटू के वासी। 
हम तुम अर्जुन तीनों भाई,
शीश दान दे को बलदाई। 
 
जिसको आप योग्य बतलावे,
वह शीश बलिदान चढ़ावे,
आवागमन मिटे चौरासी,
सांवल शाह खाटू के वासी,
अर्जुन नाम समर में पावे,
तुम सारथि कौन कहावे,
शीश दान दीन्हों भगवाना,
भारत देखन मन ललचाना।  

शीश शिखर गिरी पर घरवासी,
सांवल शाह खाटू के वासी,
शीश दान बर्बरीक दिया है,
हरी ने गिरी पर धरा दिया है,
समर अठारह रोज हुआ है,
कुरु दल सारा नाश हुआ है,
विजय पताका पाण्डु फ़हरासी,
सांवल शाह खाटू के वासी। 

भीम नकुल सहदेव और पारथ,
करते निज तारीफ़ अकारथ,
यों सोचे मन में यदुराया,
इनके दिल अभिमान है छाया,
हरी भक्तों का दुख ये मिटासी,
सांवल शाह खाटू के वासी,
पारथ भीम आदि बलधारी,
से यों बोले गिरिवर धारी। 

किसने विजय समर में पाई,
पूछो वीर बर्बरीक से भाई,
सत्य बात सर सभी बतासी,
सांवल शाह खाटू के वासी,
हरी सबको संग ले गिरिवर पर,
शीश बैठा था मगन शिखर पर,
जा पँहुचे झटपट नंदलाला,
पुनि पूछा सिर से सब हाला। 

शीश दान है खुद अविनाशी,
सांवल शाह खाटू के वासी,
हरी यों कहे सही फ़रमाओ,
समर जीत है कौन बताओ,
बलि कहे मैं सत्य बताऊँ,
नहीं पितु चचा, बलि ना ताऊ,
भगवत ने पाई शाबासी,
सांवल शाह खाटू के वासी। 

चक्र सुदर्शन है बलदाई,
काट रहा था दल जिमि काई,
रूप द्रोपदी काली का धर,
हो विकराल ले कर में खप्पर,
भर भर रुधिर पिए थी प्यासी,
सांवल शाह खाटू के वासी,
मैंने जो कछु समर निहारा,
सत्य सुनाया हाल है सारा। 

सत्य वचन सुनकर यदुराई,
वर दीन्हा सर को हरषाई,
श्याम रूप मम धार पूजा सी,
सांवल शाह खाटू के वासी,
कली में तुमको श्याम कन्हाई,
पूजेंगे सब लोग लुगाई।
खीर चूरमा भोग लगावे,
माखन मिश्री खूब चढ़ावें। 

मन वचन कर्म  से, जो कोई ध्यासी,
इच्छित फल सो ही पा जासी,
अंत समय सद्गति पा ज्यासी,
सांवल शाह खाटू के वासी,
सागर सा धनवान बनाना,
पत्नी गोद में सुवन खिलाना,
सेवक आया शरण तिहारी,
श्रीपति यदुपति कुञ्ज बिहारी। 
सब सुख दायक आनंद राशि,
सांवल शाह खाटू के वासी।
 

भजन श्रेणी : खाटू श्याम जी भजन (Khatu Shyam Ji Bhajan)



Shree Shyam Chaurasi || श्री श्याम चौरासी || Sapna Vishwakarma || Shyam Bhajan @Saawariya

इस भजन से सबंधित अन्य भजन निचे दिए गए हैं जो आपको अवश्य ही पसंद आयेगे, कृपया करके इन भजनों को भी देखें.
Read Also / इस भजन से सबंधित अन्य भजन भी देखें :-
 
Naag Suta Shyaam Ko,
Sumirun Baarambaar,
Khaatu Wale Shyaam Ji,
Sab Jag Ke Daataar,
Kaavy Kala Jaanun Nahin,
Aham Nipat Agyaan,
Gyaan Dhyaan Mohe Dijiye,
Aakar Krpa Nidhaan.

Mehar Karo Jan Ke Sukharaashi,
Saanval Shaah Khaatu Ke Vaasi,
Pratham Shish Charanon Mein Naun,
Krpa Drshti Raavari Chaahin,

Maaf Sabhi Aparaadh Karaun,
Aadi Katha Suchhand Rach Gaun,
Bhakt Sujan Sunakar Harasaasi,
Saanval Shaah Khaatu Ke Vaasi,
Kuru Paandav Mein Virodh Jab Chhaaya,
Samar Mahaabhaarat Rachavaaya,
Bali Ek Barbarik Aaya,
Tin Subaan Saath Mein Laaya.

Yah Lakhi Hari Ko Aai Haansi,
Saanval Shaah Khaatu Ke Vaasi,
Madhur Vachan Tab Krshn Sunaaye,
Samar Bhumi Ke Hi Kaaran Aae,
Tin Baan Dhanu Kandh Suhae,
Ajab Anokha Rup Banaaye.
Baan Apaar Vir Sab Lyaasi,
Saanval Shaah Khaatu Ke Vaasi.

Babarik Itane Dal Maahin,
Tin Baan Ki Ginati Naahin,
Yodha Ek Se Ek Niraale,
Vir Bahaadur Ati MataWale,
Samar Sabhi Mil Kathin Machaasi,
Saanval Shaah Khaatu Ke Vaasi,
Barbarik Mam Kahana Maanon,
Samar Bhumi Tum Khel Na Jaanon.

Dron Gurun Krpa Aadi Jujhaaraan,
Jinase Paarath Ka Man Haara,
Tu Kya Pes Inhi Se Paasi,
Saanval Shaah Khaatu Ke Vaasi,
Barbarik Hari Se Yun Kahata,
Samar Dekhana Main Hun Chaahata,
Kaun Bali Ranashur Nihaarun,
Vir Bahaadur Kaun Jujhaaru.

ऐसे ही अन्य मधुर भजन देखें

पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।

अपने पसंद का भजन खोजे

Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

इस ब्लॉग पर आप पायेंगे मधुर और सुन्दर भजनों का संग्रह । इस ब्लॉग का उद्देश्य आपको सुन्दर भजनों के बोल उपलब्ध करवाना है। आप इस ब्लॉग पर अपने पसंद के गायक और भजन केटेगरी के भजन खोज सकते हैं....अधिक पढ़ें

+

एक टिप्पणी भेजें