कुण मांडी दादी हाथा में मेहंदी थारे सोवणी
(मुखड़ा)
कुण मांडी दादी,
हाथा में मेहंदी थारे सोवणी,
सूरज की लाली ज्यूँ चमके,
मेहंदी माँ मन मोहणी,
कुण मांडी दादी,
हाथा में मेहंदी थारे सोवणी।।
(अंतरा)
चांदी चौकी बैठ्या मायड़,
गुलबनड़ी सा लागो,
लाल सुरंगी रची हथेल्या,
लाल सुरंगी रची हथेल्या,
मनड़ो मोवे मावड़ी,
कुण मांडी दादी,
हाथा में मेहंदी थारे सोवणी।।
ऐसो रंग चढ़्यो हाथां में,
चंदो भी शरमावे,
निजर हटे ना हाथां सूं माँ,
निजर हटे ना हाथां सूं माँ,
मेहंदी राची राचणी,
कुण मांडी दादी,
हाथा में मेहंदी थारे सोवणी।।
घणे चाव सूं सर्व सुहागन,
थारा हाथ रचाए,
हाथा माहि बेल और पत्ते,
हाथा माहि बेल और पत्ते,
लागे है मन भावणी,
कुण मांडी दादी,
हाथा में मेहंदी थारे सोवणी।।
तू बड़भागण ‘स्वाति’ तेरे,
घर में दादी आई,
‘हर्ष’ कवे तकदीर जगा द्यो,
‘हर्ष’ कवे तकदीर जगा द्यो,
मेरी भी नारायणी,
कुण मांडी दादी,
हाथा में मेहंदी थारे सोवणी।।
(पुनरावृति)
कुण मांडी दादी,
हाथा में मेहंदी थारे सोवणी,
सूरज की लाली ज्यूँ चमके,
मेहंदी माँ मन मोहणी,
कुण मांडी दादी,
हाथा में मेहंदी थारे सोवणी।।
कुण मांडी दादी हाथ में मेहंदी थारे सोवणी | Swati Agarwal | Latest Dadi Bhajan | Sci Bhajan Official
Title :- कुण मांडी दादी हाथ में मेहंदी थारे सोवणी
Bhajan :- Kuna Mandi Dadi Hath Mein Mehandi Thari Sovani
Singer :- Swati Agarwal
Lyrics :- Vinod Agarwal ( HARSH )
Music :- Shree Studio