हारे के सहारे हारी बाज़ी जिता दो

हारे के सहारे हारी बाज़ी जिता दो

उजड़ी बगिया महका दो,
मन की चिड़िया चहका दो,
चरणों में ज़रा जगह दो,
दिल से श्याम लगा दो,
हारे के सहारे,
ओ हारी बाज़ी जिता दो
उजड़ी बगिया महका दो,
मन की चिड़िया चहका दो।

हुकुम बजाऊंगा,
दर ना छोड़ जाऊँगा
आठों याम चाकरी मैं,
श्याम नाम गाऊँगा,
आया दरबार,
नया नौकर लिखा दो
हारे के सहारे,
ओ हारी बाज़ी जिता दो,
उजड़ी बगिया महका दो,
मन की चिड़िया चहका दो।

महके दरबार तेरा,
खुशबू मैं बन जाऊं,
क्या क्या जतन करूँ,
दास तेरा हो जाऊं
बागबा मेरी बगिया को,
अपना बना लो,
हारे के सहारे,
ओ हारी बाज़ी जिता दो
उजड़ी बगिया महका दो,
मन की चिड़िया चहका दो।

नसीबा संवारा बिगड़ा,
लाखों को तार दिया
मोरछड़ी का झाड़ा,
भगतों पे वार दिया
आया सुरेश,
दर पे हाथ बढ़ा दो
हारे के सहारे,
ओ हारी बाज़ी जिता दो
उजड़ी बगिया महका दो,
मन की चिड़िया चहका दो।

भजन श्रेणी : खाटू श्याम जी भजन (Khatu Shyam Ji Bhajan)


Ekadashi Special Bhajan 2022 - Bagiya | हारे के सहारे हारी बाज़ी जिता दो | बगिया | Vijay Puri Goswami

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