कृष्ण कृष्ण बोल रे मुक्ति पट खोल रे लिरिक्स Krishn Krishna Bole Re Lyrics
मेरे कृष्णा मेरे कृष्णा मेरे कृष्णा,मेरे कृष्णा मेरे कृष्णा मेरे कृष्णा।
कृष्ण कृष्ण बोल रे,
मुक्ति पट खोल रे,
तुझ से ना हो कान्हा करेगा,
रम जा खुद को घोल रे,
कृष्ण कृष्ण बोल रे,
मुक्ति पट खोल रे,
तुझ से ना हो कान्हा करेगा,
रम जा खुद को घोल रे।
श्याम की भक्ति से ही जब,
बृज घाट भूमि हर्षायी,
दर्शन अभलाषी सुदामा ने,
जस कीर्ति है पायी,
विश्वास बनाये भक्त सभी,
विश्वास बनाये भक्त सभी,
नित्य कर्म से न डोल रे,
कृष्ण कृष्ण बोल रे,
मुक्ति पट खोल रे,
तुझ से ना हो कान्हा करेगा,
रम जा खुद को घोल रे।
मेरे कृष्णा मेरे कृष्णा मेरे कृष्णा,
मेरे कृष्णा मेरे कृष्णा मेरे कृष्णा।
युद्ध भूमि में अर्जुन को थी,
ज्ञान की बात बतायी,
दे गीता का ज्ञान न होने दी थी,
जग में हंसाई,
सब ग्वालों के बीच सावरियां,
सब गोपी के बीच सावरियां,
देते प्रेम रस घोल रे,
कृष्ण कृष्ण बोल रे,
मुक्ति पट खोल रे,
तुझ से ना हो कान्हा करेगा,
रम जा खुद को घोल रे।
विघ्न विनाशी सब हर कर,
अवतार सहित है आते,
खुशियों से जीवन भर कर,
उद्धार सभी कर जाते,
कलयुग में ले नाम उतर जा,
चक्रव्यूह सब तोड़ रे
कृष्ण कृष्ण बोल रे,
मुक्ति पट खोल रे,
कृष्ण कृष्ण बोल रे,
मुक्ति पट खोल रे,
तुझ से ना हो कान्हा करेगा,
रम जा खुद को घोल रे।
कृष्ण कृष्ण बोल रे,
मुक्ति पट खोल रे,
तुझ से ना हो कान्हा करेगा,
रम जा खुद को घोल रे,
कृष्ण कृष्ण बोल रे,
मुक्ति पट खोल रे,
तुझ से ना हो कान्हा करेगा,
रम जा खुद को घोल रे।
मेरे कृष्णा मेरे कृष्णा मेरे कृष्णा,
मेरे कृष्णा मेरे कृष्णा मेरे कृष्णा।
भजन श्रेणी : कृष्ण भजन (Krishna Bhajan)
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