लेलो लेलो रे जनक जी कन्या दान

लेलो लेलो रे जनक जी कन्या दान


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लेलो लेलो रे जनक जी कन्या दान,
सिया तो राजा राम की भई,
ले लो ले लो रे जनक जी कन्या दान,
सिया तो राजा राम की भई।

बड़े भाग है जनक तुम्हारे,
रघुवर मिले जमाई,
रूपवान गुणवान बहुत,
इन ने मुनि के यज्ञ बचाई,
अपने भक्तों का बचाते हरदम मान,
सिया तो राजा राम की भई,
ले लो ले लो रे जनक जी कन्या दान,
सिया तो राजा राम की भई।

समय तुल्य समझी तुम पाए,
कहां तक करूं बड़ाई,
इंद्रदेव की दशरथ जी ने,
रण में करी सहाई,
ऐसे काहू को मिले ना मेहमान,
सिया तो राजा राम की भई,
ले लो ले लो रे जनक जी कन्या दान,
सिया तो राजा राम की भई।

राम लक्ष्मण और भरत शत्रुघ्न,
सुंदर चारों भाई,
चार सुता है जनक तुम्हारे,
इन को देवो बिहाई,
तुम रो सब विधि से,
भयो रे कल्याण,
सिया तो राजा राम की भई,
ले लो ले लो रे जनक जी कन्या दान,
सिया तो राजा राम की भई।

गुरु की आज्ञा मान जनक ने,
मंडप दिया कढ़ाई,
सखियां मंगल गाने लागी,
सिया राम को ब्याही,
समधी समधी का बढ़ाते,
हर दम मान,
सिया तो राजाराम की भाई
ले लो ले लो रे जनक जी कन्या दान,
सिया तो राजा राम की भई।

ले लो ले लो रे जनक जी कन्या दान,
सिया तो राजा राम की भई,
ले लो ले लो रे जनक जी कन्या दान,
सिया तो राजा राम की भई।

भजन श्रेणी : राम भजन (Ram Bhajan)




LELO JANAKJI KANYA DAN SITA JI TO RAM KI HUI

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