मन मोहन दी बन के दीवानी भजन लिरिक्स Man Mohan Di Banke Diwani Lyrics, Krishna Bhajan by Pujya chitra Vichitra Ji Maharaj
मन मोहन दी बन के दीवानी,मैं छम छम नचदी फिरां,
मन मोहन दी बन के दीवानी,
मैं छम छम नचदी फिरां,
ओहदे प्रेम विच हुई मस्तानी,
मैं छम छम नचदी फिरां,
मैं छम छम नचदी फिरां।
हो गई मैं प्रीतम दी कमली,
लोग की मैं नू अखन पगली,
हो गई मैं प्रीतम दी कमली,
लोग की मैं नू अखन पगली,
जदो देखी मैं सूरत नूरानी,
मैं छम छम नचदी फिरां,
मैं छम छम नचदी फिरां।
मन मोहन दी बन के दीवानी,
मैं छम छम नचदी फिरां,
मन मोहन दी बन के दीवानी,
मैं छम छम नचदी फिरां,
ओ दे प्रेम विच हुई मस्तानी,
मैं छम छम नचदी फिरां,
मैं छम छम नचदी फिरां।
जग विच मेनू कोई ना जचदा,
हर वेले करा श्याम दा सजदा,
जग विच मेनू कोई ना जचदा,
हर वेले करा श्याम दा सजदा,
सारी दुनिया तो हुई मस्तानी,
मैं छम छम नचदी फिरां,
मैं छम छम नचदी फिरां।
मन मोहन दी बन के दीवानी,
मैं छम छम नचदी फिरां,
ओ दे प्रेम विच हुई मस्तानी,
मैं छम छम नचदी फिरां,
मैं छम छम नचदी फिरां।
छढ़ दीती सब रिश्तेदारी,
चित्र विचित्र दे बांके बिहारी,
ओहदे नाल मेरी प्रीत पुरानी,
मैं छम छम नचदी फिरां,
मैं छम छम नचदी फिरां।
मन मोहन दी बन के दीवानी,
मैं छम छम नचदी फिरां,
मन मोहन दी बन के दीवानी,
मैं छम छम नचदी फिरां,
ओ दे प्रेम विच हुई मस्तानी,
मैं छम छम नचदी फिरां,
मैं छम छम नचदी फिरां।
भजन श्रेणी : कृष्ण भजन (Krishna Bhajan)
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